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रसना ने पेय ब्रांड जम्पिन का अधिग्रहण करते हुए रेडी-टु-ड्रिंक (आरटीडी) बाजार में प्रवेश किया है। स्वतंत्र रूप से जम्पिन का मूल्य 350 करोड़ रुपये आंका गया है। कंपनी की इस ब्रांड के साथ रेडी-टु-ड्रिंक कारोबार में 1,000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी हासिल करने पर नजर है। कंपनी ने कहा कि यह
गैर-कार्बोनेटेड पेय पदार्थ श्रेणी में अपनी स्थिति मजबूत करने और विविधता लाने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस ब्रांड का अधिग्रहण हर्शेस इंडिया से किया गया था। लेकिन इसका मूल मालिक गोदरेज समूह था। सूत्र के अनुसार इस ब्रांड का अधिग्रहण 350 करोड़ रुपये से कुछ कम पर हुआ है।
आईएमएआरसी समूह के अनुसार फलों के रस का भारत का बाजार साल 2033 तक 1,22,855 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है जो साल 2025 से 2033 के दौरान 11.90 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक दर) दर्शाता है। कंपनी ने विज्ञप्ति में कहा कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर पेय पदार्थों की बढ़ती मांग मुख्य रूप से इस बाजार की वृद्धि को बढ़ावा दे रही है।
रसना के ग्रुप चेयरमैन पिरुज खंबाटा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पाउडर ड्रिंक वाली कंई कंपनियों ने रेडी-टु-ड्रिंक बाजार में उतरने की कोशिश की है, लेकिन यह आसान नहीं है। अब इस बाजार में प्रवेश करने के साथ हम महज कंसन्ट्रेट की तुलना में कहीं बड़े परिदृश्य की बात कर रहे हैं। रेडी-टु-ड्रिंक बहुत बड़ी श्रेणी है और हम निश्चित रूप से इसमें प्रवेश करना चाहते हैं।’उन्होंने कहा कि कंपनी अपना खुद का ब्रांड बना सकती थी, लेकिन किसी ब्रांड को बनाने की लागत बहुत अधिक होती है और इसमें समय लगता है।
कंपनी जून में अपना उत्पाद पेश करेगी और इसकी कीमत 10 रुपये से शुरू होगी और इसमें विभिन्न स्वादों के साथ कई स्टॉक-कीपिंग इकाई होंगी। जम्पिन को आधुनिक खुदरा और ई-कॉमर्स सहित पूरे देश में पेश किया जाएगा।