ऊर्जा से मुनाफा कमाने में लगी रिलायंस पावर की विशेष उद्देश्य वाली कंपनी, विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर (वीआईपीएल) के ग्रुप कैप्टिव बिजली संयंत्र के लिए जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
लगभग 300 मेगावाट क्षमता वाला यह बिजली संयंत्र महाराष्ट्र के नागपुर के पास बूटीबोरी में लगाया जा रहा है।सूत्रों का कहना है कि इस संयंत्र के लिए जरूरी जमीन खरीदी जा चुकी है और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड ने रिलायंस पावर की इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है।
रिलायंस पावर जल्द ही 1500 करोड़ रुपये वाली इस परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, उपकरण और निर्माण (ईपीसी) ठेके देने वाली है। सूत्रों का कहना है कि परियोजना लगभग 2010 तक पूरी हो जाएगी।बूटीबोरी की यह परियोजना देश में स्थापित की जाने वाली ग्रुप कैप्टिव बिजली संयंत्र परियोजनों के तहत, बड़ी बिजली परियोजनों में से एक है। इस संयंत्र में बनाई जाने वाली बिजली रियायती दरों पर मुख्य तौर पर महाराष्ट्र के औद्योगिक उपभोक्ताओं को दी जाएगी।
यह परियोजना रिलायंस पावर को महाराष्ट्र सरकार की नोडल विकास एजेंसी महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ने प्रतिस्पर्र्द्धी अंतरराष्ट्रीय बोली की प्रक्रिया के जरिये दी थी।सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना से उपभोक्ता और बिजली बनाने वाली कंपनी दोनों को फायदा होगा।
औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली के हर यूनिट पर 25 पैसे तक रियायत दी जाएगी और बिजली बनाने वाली कंपनी को इस पर बढ़िया प्रतिलाभ मिलेगा, चूंकि बिजली खरीद के दीर्घकालिक समझौते के मुकाबले इनकी दरें काफी अधिक होती हैं।
रिलायंस पावर ने इस परियोजना के लिए पश्चिमी कोयला क्षेत्र से कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की है। महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ने परियोजना के लिए जमीन आवंटित कर दी है और नागपुर के पास वडगांव बांध से पर्याप्त पानी पहुंचाने की बात कही है।
सूत्रों का कहना है कि अन्य संवैधानिक स्वीकृतियां और पर्यावरण संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र जल्द मिलने की उम्मीद है। रिलायंस पावर 28,200 मेगावाट क्षमता वाली अन्य 13 परियोजनाएं भी स्थापित कर रहा है। इसमें 400 मेगावाट वाले दो अल्ट्रा मेगा परियोजनाएं सासन और कृष्णापट्टिनम शामिल हैं।