रिलायंस कम्युनिकेशंस (आर कॉम) दूरसंचार के क्षेत्र में तेजी से छलांग मारने के लिए अंतरराष्ट्रीय डेटा केंद्रों आईडीसी की कतार खड़ी करने जा रही है।
कंपनी देश भर में 7 नए आईडीसी खोलेगी, जो 14 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में स्थापित किए जाएंगे। इस परियोजना पर तकरीबन 800 से 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी को उम्मीद है कि इस परियोजना को अमली जामा पहनाते ही वह तीसरे पक्ष को डेटा केंद्र मुहैया कराने वाली दुनिया की 3 सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हो जाएगी।
भारी निवेश
इस परियोजना में किया जा रहा निवेश बहुत बड़ा है क्योंकि इसमें रियल एस्टेट यानी भूखंड विकसित करने के लिए जरूरी रकम का तो अभी जिक्र ही नहीं किया गया है। कंपनी देश भर में अपनी इमारतों और पट्टे पर लिए गए स्थानों पर डेटा केंद्र खोलना चाहती है।
परियोजना से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘आरकॉम ने 7 आईडीसी स्थापित करने के लिए जगहें तय कर ली हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत में सभी केंद्रों में काम शुरू हो जाना चाहिए। इससे कंपनी के डेटा केंद्रों की संख्या बढ़कर 13 तक पहुंच जाएगी। कंपनी अभी कुछ और डेटा केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है।’
सबसे बड़े केंद्र
कंपनी की इस योजना के तहत 2 ऐसे डेटा केंद्र भी बनाए जाएंगे, जो दुनिया में सबसे बड़े होंगे। इनमें से एक नवी मुंबई में कंपनी के मुख्यालय धीरूभाई अंबानी नॉलेज सेंटर में होगा, जबकि दूसरा बेंगलुरु में व्हाइटफील्ड में होगा। दोनों केंद्र चार-चार लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में बनाए जाएंगे। मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में भी डेटा केंद्र बनाए जाएंगे।
इस बारे में पूछे जाने पर आर कॉम के प्रवक्ता ने बताया, ‘विस्तार की कुछ योजनाओं पर ताक काम किया जा रहा है, लेकिन किसी भी परियोजना के बारे में हम अभी आपको ब्यौरा नहीं दे सकते।’
इस समय कंपनी के 6 डेटा केंद्र हैं। ये केंद्र लगभग 5 लाख वर्गफुट भूमि पर हैं। कंपनी देश की सबसे बड़ी डेटा केंद्र प्रदाता कंपनी है। इस बाजार के 60 फीसद हिस्से पर उसी का कब्जा है और लगभग 700 ग्राहक उसके पास हैं। आर कॉम के ग्राहकों में याहू, गूगल और डयूश बैंक जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं। उनके अलावा बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र से लेकर बीमा, मीडिया और मनोरंजन, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की कंपनियों को आर कॉम डेटा मुहैया कराती है।
देश में डेटा केंद्र मुहैया कराने वाली दूसरी कंपनियां टाटा कम्युनिकेशंस, भारती समूह और सिफी हैं। आईबीएम और सन डेटा केंद्र मुहैया कराने वाली दुनिया की दो सबसे बड़ी कंपनियां हैं।
जरूरत लाजिमी
उद्योग के जानकारों की मानें, तो ब्रिटेन की वाइमैक्स दिग्गज ईवेव वर्ल्ड में 90 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के कंपनी के कदम और मैनेज्ड होस्टिंग, को-लोकेशन, सिस्टम इंटीग्रेशन जैसी सेवाएं वैश्विक स्तर पर मुहैया कराने की उसकी योजना के लिए ज्यादा अंतरराष्ट्रीय डेटा केंद्रों की जरूरत पड़ना लाजिमी है। वैसे भी भारत आईडीसी के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। इसकी वजह यहां लागत कम होना, प्रशिक्षित पेशेवरों का आसानी से मिलना और अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ की बहुतायत होना है।
नए डेटा केंद्र बनते ही, आर कॉम 2,500 से ज्यादा ग्राहकों के लिए काम करने में सक्षम हो जाएगी। इन केंद्रों के काम करने के बाद साल भर के भीतर ही कंपनी को 1,200 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। फिलहाल आर कॉम के 6 डेटा केंद्र 2.6 लाख वर्ग फुट से भी अधिक क्षेत्रफल पर स्थित हैं।
…डेटा सेंटर में है मुनाफा बहुत तगड़ा
आर कॉम के आईडीसी 14 लाख वर्गफुट जमीन पर बनाए जाएंगे।
आर कॉम नवी मुंबई के डीएकेसी और बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड में चार-चार लाख वर्गफुट क्षेत्रफल वाले 2 आईडीसी बनाएगी।
अन्य डेटा सेंटर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में बनाए जाएंगे।
भारत आईडीसी का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इसकी वजह लागत कम होना, प्रशिक्षित पेशेवर होना और अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ की बहुतायत होना है।