चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मांग के ‘स्थिर’ रुझान के बीच दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की निर्माता कंपनियां वॉल्यूम में एक अंक की वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। इलारा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों के अनुसार एफएमसीजी उत्पादों की मांग स्थिर रही और ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि दर लगातार तीसरी तिमाही में शहरी क्षेत्रों से ज्यादा रही। हालांकि इसका कारण अनुकूल आधार है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कमजोर रहने वाली मांग तिमाही में बाद में बढ़ गई।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, डाबर, मैरिको और ब्रिटानिया जैसी फर्मों पर नजर रखने वाली ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा कि अनुमान है कि कंपनियां वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में राजस्व और वॉल्यूम में सालाना आधार पर वृद्धि क्रमश: 5.7 प्रतिशत और 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेंगी और पांच साल की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 9.6 प्रतिशत रह सकती है जो पहली तिमाही के बराबर है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने भी कहा कि खाद्य कंपनियों के मामले में मांग का रुझान वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के दौरान पिछली तिमाही के मुकाबले स्थिर रहा और लगातार तीसरी तिमाही में ग्रामीण बाजारों ने शहरों से बेहतर प्रदर्शन किया।
उन्होंने नोट में कहा, ‘हालांकि कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ ने आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट डाली है। इस वजह से घर से बाहर की खपत और उपभोक्ता मांग पर भी असर पड़ा, विशेष रूप से पेय पदार्थ श्रेणी के मामले में।’
उन्होंने कहा कि कृषि जिंसों की बढ़ती लागत के कारण खाद्य और पेय पदार्थ कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
पारले प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष मयंक शाह ने हाल ही में हुए वर्ल्ड फूड इंडिया के मौके पर बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि ये बढ़ोतरी होनी ही हैं। उन्होंने कहा था कि आने वाले तीन से पांच महीने में आप तीन से पांच प्रतिशत की वृद्धि देख सकते हैं। काफी कुछ गेहूं और चीनी की कीमतों पर निर्भर करेगा। ये दोनों ही हमारे लिए प्रमुख सामग्री हैं।
ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि एफएमसीजी और ज्वैलरी कारोबार या तो टिका रहेगा या फिर तिमाही में उम्दा प्रदर्शन करेगा। क्विक सर्विस रेस्टोरेंट, पेंट और शराब कारोबार की वृद्धि और लाभ में कमजोरी दिख सकती है।
तिमाही पर डाबर इंडिया ने कहा कि मांग का रुझान हालांकि सुधर रहा है। लेकिन देश में भारी बारिश और बाढ़ ने घर से बाहर उपभोग व उपभोक्ताओं की खरीद पर असर डाला है। इससे खास तौर से बेवरिजेज कारोबार प्रभावित हुआ है। कंपनी को तिमाही के दौरान एकीकृत राजस्व वृद्धि घटकर एक अंक में रहने का अनुमान है।
मैरिको ने एक्सचेंज को भेजी सूचना में कहा है कि इस क्षेत्र में स्थिर मांग है और शहरी के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र ने सालाना आधार पर लगातार तीसरी तिमाही में उम्दा प्रदर्शन किया है। कंपनी ने कहा कि इस लिहाज से देसी कारोबार ने वॉल्यूम में एंक अंक की बढ़ोतरी दर्ज की जिससे क्रमिक आधार पर सुधार का पता चलता है।
पैराशूट नारियल तेल ने वॉल्यूम में एक अंक की बढ़ोतरी दर्ज की जबकि सफोला तेल ने राजस्व वृद्धि में काफी कम बढ़ोतरी देखी। वैल्यू ऐडेड हेयर ऑयल में सुस्ती बनी रही। कंपनी ने कहा कि लेकिन हमें मांग के रुख में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है।
इस बीच, अदाणी विल्मर को तिमाही में बेहतर नतीजे पेश करने की उम्मीद है। एक्सचेंज को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि हमने एक और मजबूत तिमाही देखी जहां राजस्व में सालाना आधार पर 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह खाद्य तेल व खाद्य कारोबार की बेहतरी के कारण संभव हुआ। हम विभिन्न श्रेणियों और देश के विभिन्न हिस्सों में खाद्य कारोबार में वृद्धि देख रहे हैं।