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Q1 Results: Reliance Jio, JSW Steel से लेकर हिंदुस्तान जिंक तक, किस कंपनी ने Q1 में कितने कमाए?

जून तिमाही में जियो, जेएसडब्ल्यू स्टील और आईओबी ने शानदार मुनाफा कमाया, जबकि बंधन बैंक और हिंदुस्तान जिंक का लाभ गिरकर नीचे चला गया।

Last Updated- July 18, 2025 | 10:25 PM IST
Q4 Results
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

देश के सबसे बड़े दूरसंचार नेटवर्क का परिचालन करने वाली जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड का शुद्ध लाभ जून में समाप्त तिमाही में सालाना आधार पर 24.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछली चार तिमाहियों में कंपनी ने शुद्ध लाभ में क्रमश: 25.7 फीसदी, 26 फीसदी, 23.4 फीसदी और 11.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। इस अवधि में कंपनी का राजस्व 41,054 करोड़ रुपये रहा, जो 18.8 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्शाता है।

भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 208.8 रुपये दर्ज किया। पिछली तिमाही में एआरपीयू 206.2 रुपये था, जो 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 203.3 रुपये रहा था। सालाना आधार पर कंपनी का एआरपीयू 14.9 फीसदी ज्यादा रहा। कुल मिलाकर, रिलायंस जियो के पास पहली तिमाही के अंत तक 49.81 करोड़ 5जी ग्राहक थे, जो मार्च के अंत में रहे 48.82 करोड़ ग्राहक से ज्यादा है। । दूरसंचार कंपनी ने बताया कि पिछली तिमाही में उसके 99 लाख ग्राहक बढ़े, जो पिछली तिमाही में जुड़े 61 लाख ग्राहकों की तुलना में काफी ज्यादा है।

टैरिफ बढ़ोतरी के बाद जुलाई-सितंबर 2024 की अवधि में कंपनी ने 1.09 करोड़ ग्राहक गंवा दिए थे। इससे पहले, कंपनी ने लगातार सात तिमाहियों में ग्राहक जोड़े थे। जियो प्लेटफॉर्म का परिचालन राजस्व सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 35,032 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछली तिमाही की 17.7 फीसदी की राजस्व वृद्धि से आगे निकल गया। इस तिमाही में जियो प्लेटफॉर्म्स का एबिटा रिकॉर्ड 18,135 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 23.9 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।

जेएसडब्ल्यू स्टील का लाभ 158% उछला

जेएसडब्ल्यू स्टील ने साल 25-26 की जून तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में पिछले साल के मुकाबले 158 प्रतिशत की उछाल दर्ज की है और यह बढ़कर 2,184 करोड़ रुपये हो गया है। ज्यादा वॉल्यूम और प्रमुख कच्चे माल कोकिंग कोल की कम लागत के कारण यह वृद्धि हुई है। एक साल पहले की अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 845 करोड़ रुपये रहा था। यह शुद्ध लाभ ब्लूमबर्ग के 2,095 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक रहा। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में समेकित आधार पर जेएसडब्ल्यू स्टील का कुल राजस्व 43,147 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले के 42,943 करोड़ रुपये के मुकाबले 0.5 प्रतिशत अधिक रहा। ब्लूमबर्ग ने 43,004 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया था।

रखरखाव के लिए नियोजित काम बंद करने की वजह से पिछली तिमाही के मुकाबले राजस्व 3.7 प्रतिशत कम रहा। शुद्ध लाभ 45.3 प्रतिशत बढ़ा। भारतीय परिचालन में क्षमता उपयोग इस तिमाही के दौरान 87 प्रतिशत रहा जबकि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में यह 93 प्रतिशत था। तिमाही के दौरान कच्चे इस्पात का समेकित उत्पादन 72.6 लाख टन रहा, जो पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक था।   तिमाही के दौरान इस्पात की बिक्री 66.9 लाख टन रही, जो घरेलू बिक्री में वृद्धि के कारण सालाना आधार पर 9 प्रतिशत अधिक थी। घरेलू बिक्री 59.6 लाख टन रही जो पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ी।

हिंदुस्तान जिंक का एकीकृत मुनाफा घटा

वेदांत की सहायक हिंदुस्तान जिंक का एकीकृत शुद्ध लाभ जून में समाप्त तिमाही में 4.7 फीसदी घटकर 2,234 करोड़ रुपये रह गया, जिस पर घटते परिचालन राजस्व का असर पड़ा। कंपनी का जस्ता व चांदी उत्पादन से कुल परिचालन राजस्व इस अवधि में सालाना आधार पर 4.4 फीसदी घटकर 7,771 करोड़ रुपये रह गई।

हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्याधिकारी अरुण मिश्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ विशेष बातचीत में कहा, कम उत्पादन वॉल्यूम (अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 5 फीसदी की गिरावट), जस्ता और सीसे की कम कीमतों के कारण राजस्व प्रभावित हुआ है, जिसकी आंशिक भरपाई चांदी की ऊंची कीमतों और बेहतर उपोत्पाद से हुई है। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में जस्ते की कीमतों में 7 फीसदी की गिरावट आई, जबकि सीसे की कीमतों में 10 फीसदी की गिरावट आई। इसके विपरीत, चांदी की कीमतों में पहली तिमाही में 17 फीसदी की सालाना वृद्धि के साथ तेजी का रुख बना रहा। क्रमिक आधार पर हिंदुस्तान जिंक का शुद्ध लाभ और राजस्व क्रमशः 25.6 फीसदी और 14.5 फीसदी कम हुआ। इस बीच, कंपनी की अन्य आय वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 4.1 फीसदी बढ़कर 279 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।कंपनी का एबिटा पहली तिमाही में 1.8 फीसदी घटकर 4,138 करोड़ रुपये रह गया।

इंडियन ओवरसीज बैंक का शुद्ध लाभ 76% बढ़ा

चेन्नई के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने जून 2025 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) के दौरान शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 75.57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और यह बढ़कर 1,111 करोड़ रुपये हो गया। स्थिर ब्याज आय और प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण प्रमाणपत्रों (पीएसएलसी) की बिक्री की बदौलत यह वृद्धि हुई। सरकारी हिस्सेदारी कम करने के लिए बैंक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 4,000 करोड़ रुपये तक की रकम जुटाने की योजना बना रहा है।

शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 12.5 प्रतिशत तक बढ़कर 2,746 करोड़ रुपये हो गई, जबकि शुद्ध ब्याज मार्जिन समीक्षाधीन तिमाही में घटकर 3.04 प्रतिशत रह गया, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 3.06 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में गैर-ब्याज आय सालाना आधार पर 43.37 प्रतिशत बढ़कर 1,481 करोड़ रुपये हो गई। आईओबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में लगातार वृद्धि के अलावा, खर्चों पर नियंत्रण और पीएसएलसी की बिक्री ने करोपरांत लाभ में सुधार लाने में मदद की।

बंधन बैंक का शुद्ध लाभ 65 प्रतिशत लुढ़का

निजी क्षेत्र के बंधन बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 65 प्रतिशत घटकर 372 करोड़ रुपये रहा। बैंक ने शुक्रवार को बताया कि मुनाफे में यह गिरावट फंसा कर्ज बढ़ने और मूल आय घटने के कारण आई है। कोलकाता के बैंक का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,063 करोड़ रुपये रहा था। बंधन बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसकी कुल आय समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 6,201 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,082 करोड़ रुपये थी। हालांकि, बैंक की ब्याज आय आलोच्य तिमाही में 5,476 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,536 करोड़ रुपये थी। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के बाद घटकर 2,757 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,987 करोड़ रुपये थी। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) जून तिमाही में बढ़कर कुल कर्ज का 4.96 प्रतिशत हो गईं।

रिलायंस रिटेल ने किया केल्विनेटर का अधिग्रहण

 रिलायंस रिटेल ने समूचे भारत में तेजी से बढ़ते ‘प्रीमियम’ घरेलू उपकरणों के बाजार में अपनी वृद्धि को गति देने के लिए केल्विनेटर के अधिग्रहण की शुक्रवार को घोषणा की। केल्विनेटर एक शताब्दी से भी अधिक समय से वैश्विक स्तर पर घरेलू उपयोग के लिए रेफ्रिजरेटर, एसी, कुलर, वाशिंग मशीन आदि बना रही है। कंपनी ने हालांकि इस लेनदेन के वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया। रिलायंस रिटेल ने बयान में कहा कि इस अधिग्रहण से भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता टिकाऊ क्षेत्र में कंपनी की अग्रणी स्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक ईशा एम अंबानी ने कहा, ‘केल्विनेटर का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो हमें भारतीय उपभोक्ताओं के लिए विश्वसनीय वैश्विक नवाचारों की हमारी पेशकश को महत्वपूर्ण रूप से व्यापक बनाने में सक्षम बनाता है। यह हमारे बेजोड़ पैमाने, व्यापक सेवा क्षमताओं और बाजार में अग्रणी वितरण नेटवर्क द्वारा समर्थित है।’

रिलायंस रिटेल ने कहा कि केल्विनेटर की नवाचार की समृद्ध विरासत को रिलायंस रिटेल के विस्तृत खुदरा नेटवर्क के साथ जोड़ कंपनी उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त मूल्य प्राप्त करने और समूचे भारत में तेजी से बढ़ते प्रीमियम घरेलू उपकरणों के बाजार में विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह तालमेल सुनिश्चित करेगा कि उच्च गुणवत्ता वाले, वैश्विक रूप से मानकीकृत उत्पाद हर भारतीय परिवार तक पहुंच सकें जिससे उनके दैनिक जीवन में सुधार हो।

First Published - July 18, 2025 | 9:48 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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