सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के कर्मचारियों और कामगार संगठन के सदस्यों सहित 912 लोगों को मंगलवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तमिलनाडु में दक्षिण कोरिया की कंपनी सैमसंग के होम अप्लायंसेज संयंत्र में चल रही हड़ताल को अब चार हफ्ते होने वाले हैं।
पुलिस का कहना है कि कंपनी के कर्मचारी और कामगार संगठन के प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। 9 सितंबर से ही चेन्नई के नजदीक फैक्टरी के पास ही एक टेंट में यह प्रदर्शन चल रहा था और 1,000 से अधिक कामगारों ने हड़ताल की जिससे उत्पादन ठप पड़ गया।
कामगारों ने वेतन बढ़ाने के साथ ही फैक्टरी में अपनी यूनियन को मान्यता देने की मांग की है। सैमसंग के वर्ष 2022-23 में भारत से मिलने 12 अरब डॉलर के राजस्व में इस संयंत्र का योगदान 20 प्रतिशत है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चार्ल्स सैम राजादुरई ने कहा कि सैमसंग के करीब 850 कर्मचारी और 60 कामगारों को हिरासत में लिया गया जो मजदूर संगठन सीटू से जुड़े हैं। उनका कहना था कि सीटू इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है और इस धरना प्रदर्शन का आयोजन बिना किसी अनुमति के चेन्नई शहर के नजदीक किया जा रहा था जिससे लोगों को दिक्कत हो रही थी।
उन्होंने कहा, ‘उन्हें चार हॉल में रखा गया है। छोड़ने का फैसला बाद में किया जाएगा।’ 16 सितबंर को पुलिस ने एक दिन के लिए सैमसंग के 104 हड़ताली कर्मचारियों को हिरासत में लिया था। सैमसंग के संयंत्र में करीब 1,800 कामगार काम करते हैं और 1,000 से अधिक हड़ताल पर हैं।
यहां की फैक्टरी में रेफ्रिजरेटर, टीवी और वॉशिंग मशीन बनाई जाती है। सैमसंग के दूसरे संयंत्र में स्मार्टफोन बनाए जाते हैं जो उत्तर प्रदेश में है। वहां किसी तरह की कोई अव्यवस्था नहीं है। सैमसंग ने हड़ताली कामगारों को नौकरी पर खतरे की चेतावनी दी है और सीटू के सदस्यों को भी अदालती कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा है कि यह हड़ताल गैर-कानूनी है लेकिन कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।