प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अमेरिकी ऊर्जा विभाग से नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह एलऐंडटी देश में परमाणु ऊर्जा के व्यावसायीकरण में अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए उसकी योजना छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के निर्माण पर ध्यान देने की है।
एलऐंडटी के पूर्णकालिक निदेशक और वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष सुब्रमण्यम सरमा ने कहा, ‘परमाणु ऊर्जा स्वाभाविक रूप से लंबी अवधि वाली प्रक्रिया है। वैश्विक रुझान अब बड़े रिएक्टरों से छोटे रिएक्टरों की दिशा में बढ़ने का है। वह तकनीक अब उपलब्ध है, लेकिन हमें सही गठजोड़ करना होगा।’ उन्होंने कहा कि कंपनी अब सक्रियता से अमेरिका और यूरोप में वैश्विक प्रौद्योगिकी भागीदारों की तलाश कर रही है।
एसएमआर 300 मेगावॉट तक की क्षमता वाले आधुनिक परमाणु रिएक्टर होते हैं। पारंपरिक रिएक्टरों में इनकी हिस्सेदारी लगभग एक-तिहाई है। ये तीव्र, लगाने में किफायती और स्थापना में अधिक लचीलापन देते हैं।
सरमा ने कहा, ‘हमारे पास बहुत अच्छी विनिर्माण क्षमता है। शायद हम उन कुछेक लोगों में से हैं, जिनके पास इन रिएक्टरों का विनिर्माण करने की क्षमता है और हमारे पास नियंत्रण प्रणाली सहित उन संयंत्रों को बनाने की पूरी ईपीसी क्षमता भी है।’ कंपनी को मार्च में एसएमआर प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिए अमेरिकी ऊर्जा विभाग से नियामकीय मंजूरी मिली थी जो इसकी परमाणु ऊर्जा पहल की औपचारिक शुरुआत बताती है।