भारती एयरटेल ने सोमवार को चेन्नई में नए एसईए-एमई-डब्ल्यूई 6 (दक्षिणपूर्व एशिया-मध्य पूर्व-पश्चिम यूरोप-6, या एसएमडब्ल्यू 6) कम्युनिकेशंस केबल उतारने की घोषणा की। कंपनी 30 दिसंबर, 2024 को मुंबई में यह केबल उतार चुकी है। 21,700 किलोमीटर लंबी ऑप्टिकल फाइबर सबमरीन केबल भारत को भूमिगत केबलों के माध्यम से मिस्र, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी यूरोप को पार करते हुए सिंगापुर और फ्रांस (मार्सिले) से जोड़ेगी।
एयरटेल का कोर केबल में निवेश है और उसने सिंगापुर, चेन्नई और मुंबई के बीच चार फाइबर जोड़ों के निजी नेटवर्क का भी निर्माण किया है। यह केबल सिस्टम भारत में 220 टेराबाइट प्रति सेकंड की भारी-भरकम क्षमता लाएगा।
मुंबई और चेन्नई में ट्रांसकॉन्टिनेंटल केबल लैंडिंग को एयरटेल के डेटा सेंटर शाखा, नेक्स्ट्रा बाय एयरटेल के साथ संबंधित शहरों में इसकी बड़ी सुविधाओं पर पूरी तरह से एकीकृत किया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि इस केबल से देश में वैश्विक हाइपरस्केलर और कारोबारों को अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी और डेटा सेंटर सेवाओं तक सहजता से पहुंचने में मदद मिलेगी। एयरटेल बिजनेस के निदेशक और सीईओ शरत सिन्हा ने कहा, हमारी सुविधाओं में सबसे बड़ी केबल प्रणालियों में से एक को उतारकर वैश्विक कनेक्टिविटी को और मजबूत करने से हम खुश हैं। यह 50 देशों में हमारे मौजूदा 4,00,000 किलोमीटर के नेटवर्क की शक्ति को और
बढ़ाता है। एयरटेल का वैश्विक नेटवर्क पांच महाद्वीपों में फैला हुआ है। कंपनी ने दुनिया भर में 34 केबलों में निवेश किया है, जिनमें से कुछ हालिया केबलों में 2 अफ्रिका, दक्षिण पूर्व एशिया-जापान केबल 2 (एसजेसी2) और इक्वियानो शामिल हैं। एपीएसी, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे प्रमुख क्षेत्रों से भारत को जोड़ने वाली इन केबलों के अलावा, एयरटेल के वैश्विक सबमरीन नेटवर्क निवेश में आई2आई केबल नेटवर्क, यूरोप इंडिया गेटवे, आईएमईडब्ल्यूई, एसईए-एमई-डब्ल्यूई 4, एएजी, यूनिटी, गल्फ ब्रिज इंटरनैशल और मध्य पूर्व उत्तरी अफ्रीका सबमरीन केबल जैसी बड़ी केबल सिस्टम भी शामिल हैं।