प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार की शाम को संघर्ष विराम की घोषणा से मिली कुछ राहत थोड़ी ही देर बाद उसके उल्लंघन की खबरों के साथ जाती रही। इसका सीधा असर उद्योग जगत पर देखने को मिला। कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए जो नए सिरे से परामर्श जारी करना था, हालात को भांपते हुए उसे टाल दिया।
पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर कंपनियों ने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में शिफ्ट में बदलाव से लेकर यात्रा परामर्श तक जारी करने और आपदा प्रबंधन टीमों के गठन तक तमाम कदम उठाए। संघर्ष थमने के बाद कंपनियां इन व्यवस्थाओं को समाप्त करने की दिशा में बढ़ने लगी थीं लेकिन जैसे-जैसे घटनाक्रम तेजी से बदला, उसे देखते हुए वे जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहतीं।
मैनकाइंड फार्मा के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि शनिवार तक कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में घर पर ही रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के उपायों और युद्धविराम का उल्लेख करते हुए कहा, ‘चीजें कैसे आगे बढ़ रही हैं और आगे क्या हालात बनेंगे, यह देखने के लिए हमारे पास रविवार तक का समय है।’ जुनेजा ने आगे कहा, ‘कंपनी स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए किसी भी परामर्श का पालन करेगी।’
फार्मा क्षेत्र की अन्य कंपनियों ने कहा कि वे बदलते घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। खासकर फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों के बारे में खास ध्यान दिया जा रहा है। गुजरात की एक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्रों में डॉक्टर शाम 6 बजे तक अपने क्लीनिक बंद कर रहे हैं। इसलिए, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) उसके बाद उनसे मिलने नहीं जा सकता है।’
हालांकि, कंपनियां अभी ‘देखो और इंतजार करो’ वाली रणनीति पर चल रही हैं। वे संकट की स्थिति से निपटने के लिए जारी किए गए परामर्श को वापस लेने से पहले पूरी तरह आश्वस्त होना चाहती हैं। शील एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य
कार्याधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा कहते हैं कि युद्धविराम से स्थिति तो शांत हो गई है लेकिन अभी अनिश्चितता और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। ‘हालात सामान्य होने और कामकाज के पटरी पर लौटने में अभी कुछ दिन लगेंगे।’ पाकिस्तान की सीमा से लगते कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में कंपनियों का काम
अधिक प्रभावित हुआ, क्योंकि यहां सरकारी निर्देशों और ब्लैकआउट जैसे प्रतिबंधों के अनुरूप ही यहां काम किया गया।
डाबर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने कर्मचारियों की सुरक्षा और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जम्मू कारखाने में रात की पाली में संचालन बंद कर दिया है जबकि दिन के समय सामान्य रूप से काम चल रहा है। हमने सूर्यास्त के बाद कंपनी को बंद रखने का फैसला किया है।
उत्तरी क्षेत्र में एक प्रमुख पेय निर्माता ने कहा कि उसने पंजाब और गुजरात में अपने विनिर्माण संयंत्रों में शिफ्ट परिवर्तन का समय बदल दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शाम 7 बजे के बाद संचालन बंद रखा जा सके और कोई आवाजाही न हो, क्योंकि शाम से ब्लैकआउट की घोषणा हो जाती है।
एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस के अंशु मलिक ने भी कहा, ‘हम अपनी फैक्टरी में केवल 12 घंटे की सुबह की शिफ्ट ही चला रहे हैं। पंजाब के फिरोजपुर में हमारी फैक्टरी में रात में कोई काम नहीं हो रहा।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम आवश्यक वस्तुओं के कारोबार में हैं, इसलिए हमारी टीम अभी भी अपने काम में लगी है, लेकिन संचालन सिर्फ दिन में हो रहा है।’
कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए गैर-जरूरी यात्रा पर यात्रा परामर्श भी जारी किए हैं। आईटीसी ने कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को स्थानीय प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने और प्रभावित क्षेत्रों में गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।
इसी प्रकार डेलॉयट ने सभी गैर-जरूरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं पूरी तरह स्थगित कर दी हैं। यही नहीं, फर्म ने सीमावर्ती राज्यों में असाइनमेंट पर काम कर रहे पेशेवरों को जल्द से जल्द बेस लोकेशन पर लौटने की सलाह दी है। टीमलीज के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर सुब्बुराथिनम पी ने कहा, ‘सभी संस्थानों ने अपने कर्मचारियों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में नहीं जाने के लिए कहते हुए यात्रा परामर्श जारी किए हैं।’ कुछ फर्मों ने तेजी से बदलते हालात की निगरानी के लिए टीमें गठित की हैं ताकि उसी के अनुसार अपनी अगली रणनीति बनाई जा सके।
भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने में मदद करने वाली बेंगलूरु की एक कंपनी के आंतरिक सूत्रों के अनुसार फर्म में संकट प्रबंधन टीम बनाई गई है। इस टीम में संयंत्रों, आईटी, एचआर और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह टीम स्थिति की निगरानी और समीक्षा के लिए दिन में दो बार बैठक करती है। डेलॉयट ने भी कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कमांड सेंटर हॉटलाइन स्थापित की है।