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PLI योजना का 3 महीने में होगा भुगतान!

भारी उद्योग मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ‘हमें वाहन विनिर्माताओं से कोई पूर्ण आवेदन नहीं मिला है।’

Last Updated- June 11, 2023 | 11:01 PM IST
Passenger vehicle sales likely to see modest growth of 1-4% in FY26: ICRAPassenger vehicle sales likely to see modest growth of 1-4% in FY26: ICRA

सरकार वाहन कंपनियों और वाहन पुर्जा उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई ऑटो) के तहत वाहन विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करने के वास्ते त्रैमासिक भुगतान प्रणाली लाने की योजना बना रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है।

वर्तमान में वार्षिक प्रोत्साहन भुगतान का प्रावधान है। वाहन विनिर्माताओं ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान न करने के संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय से आग्रह किया था, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।

पिछले सप्ताह एक सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि वित्त वर्ष 23 के लिए धन वितरण नहीं किया गया था क्योंकि कोई भी विनिर्माता आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं था। हम तिमाही आधार पर भुगतान करने पर विचार कर रहे हैं ताकि कंपनियों को प्रोत्साहन का दावा करने के लिए वित्त वर्ष 2024 के अंत तक इंतजार न करना पड़े।

इस योजना में योग्य मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के वास्ते वित्त वर्ष 23 के लिए 600 करोड़ रुपये प्रदान किए थे। योजना के तहत 1 अप्रैल, 2022 से भारत में निर्मित उन्नत वाहन प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों (वाहनों और पुर्जों) के निर्धारित बिक्री मूल्य पर ओईएम को यह प्रोत्साहन तभी दिया जाना था, जब वे न्यूनतम 50 प्रतिशत का घरेलू मूल्य संवर्धन (डीएवी) का मानदंड पूरा कर लेते।

पहले वर्ष के लिए निर्धारित बिक्री मूल्य की सीमा सभी वाहन ओईएम के मामले में 125 करोड़ रुपये और पुर्जा विनिर्माताओं के मामले में 25 करोड़ रुपये थी।

वाहन उद्योग की कंपनियों का दावा है कि सरकार द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने में देरी के कारण ओईएम अपने आवेदन जमा करने में विफल रहे। हालांकि भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ओईएम ने योजना के पिछले दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं किया।

भारी उद्योग मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ‘हमें वाहन विनिर्माताओं से कोई पूर्ण आवेदन नहीं मिला है।’ उन्होंने कहा कि नए एसओपी मानदंड डीवीए नियमों के पालन में बड़े स्तर पर उल्लंघन के मामले सामने आने के बाद ही लाए गए थे।

भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए 27 अप्रैल को पीएलआई वाहन के लिए एसओपी की घोषणा की थी। पिछले नियमों के तहत बाहरी लेखा परीक्षक (कॉस्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट) द्वारा लागत जांच तथा अनुमोदित आवेदक के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा स्व-प्रमाणित डीवीए प्रमाण-पत्र की आवश्यकता थी। लेकिन नए एसओपी की वजह से ओईएम को टियर-3 स्तर तक अपने आपूर्तिकर्ताओं का विवरण भारी उद्योग मंत्रालय की परीक्षण एजेंसियों को देना होगा। किसी ओईएम को सीधे तौर पर आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ता को टियर-1 आपूर्तिकर्ता कहा जाता है।

चार परीक्षण एजेंसियां – ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर (जीएआरसी) तथा नैशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (नैटरैक्स) आपूर्तिकर्ता के विवरण का आकलन करने के बाद डीवीए प्रमाणन जारी करती हैं।

First Published - June 11, 2023 | 11:01 PM IST

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