देश की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और गेल ने भारत के 60 शहरों में गैस बेचने के लिए लाइसेंस जारी करने की मांग की है। ये कंपनियां घरों और वाहनों के लिए गैस बेचेंगी।
दोनों कंपनियों ने इस बाबत पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) को अभिरुचि पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु समेत छोटे शहरों गाजियाबाद, झांसी, सोनीपत जैसे 60 शहरों में गैस बेचने की बात कही है।
इन शहरों में गैस की आपूर्ति के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने में अगले 4-5 सालों में कंपनियों की ओर से 48,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। रिलायंस की ओर से 54 शहरों के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है, वहीं गेल ने 8 शहरों में गैसे बेचने की रुचि दिखाई है। पीएनजीआरबी के सदस्य बी.एस. नेगी ने बताया कि चयनित शहरों में गैस नेटवर्क कायम करने के लिए दिसंबर तक कॉन्ट्रेक्ट जारी किए जा सकते हैं।
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए मार्च 2008 में ही नियम बनाए गए थे, जिसके आधार पर 60 शहरों के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। जो कंपनी बोली जीतेगी, उसे इन शहरों में गैस पाइपलाइन बिछाने का कार्य सौंपा जाएगा। हालांकि शहरों में गैस पाइपलाइन विकसित करने में सीमित कंपनियों की दिलचस्पी को देखते हुए विशेषज्ञ थोड़े चितिंत हैं। दिल्ली स्थित एक विशेषज्ञ ने बताया कि अभी इसकी शुरुआत है, लेकिन अब तक केवल दो कंपनियों ने ही इसमे रुचि दिखाई है। उनके मुताबिक, बोली के कड़े प्रावधानों की वजह से ऐसा हुआ है।
दरअसल, पीएनजीआरबी के मुताबिक, जिन कंपनियों के पास गैस के स्रोत उपलब्ध होगा, वही इस बोली में हिस्सा ले सकती है। गुजरात और मुंबई में गैस की आपूर्ति करने वाली कंपनी ब्रिटिश गैस इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं की फिलहाल समीक्षा कर रही है। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उधर, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी सिटी गैस परियोजना के लिए लाइसेंस लेने का मन बना रही है।
हालांकि इन शहरों के लिए आई अभिरुचि पत्र से पीएनजीआरबी संतुष्ट है। उसका कहना है कि पिछले 15 सालों में 22 शहरों में गैस की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। ऐसे में 60 अन्य शहरों को गैस पाइपलाइन से जोड़ने की योजना उचित है। सिटी गैस नेटवर्क के लिए आई अभिरुचि पत्र के बारे में पीएनजीआरबी इस माह के अंत तक विचार करेगी। उसके 15 दिनों के बाद बोर्ड बोलियां आमंत्रित करेगी।