facebookmetapixel
25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफाBonus Stocks: हर एक पर पांच शेयर फ्री! ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को गिफ्ट, रिकॉर्ड डेट फिक्सBihar Election Results: महागठबंधन की उम्मीदें क्यों टूटीं, NDA ने डबल सेंचुरी कैसे बनाई?इंडिगो 25 दिसंबर से नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 शहरों के लिए शुरू करेगी घरेलू उड़ानेंDelhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइन

सहारा शहर में टीन के बाड़े लगाने की इजाजत

Last Updated- December 07, 2022 | 7:43 AM IST

सहारा शहर के मसले पर सहारा समूह और उत्तर प्रदेश सरकार  के  बीच छिड़े विवाद में उच्चतम न्यायालय ने आज पुख्ता कदम उठाया और सहारा समूह को राहत दे दी।


न्यायालय ने सहारा समूह को टीन के वे सभी बाड़े फिर से लगाने की इजाजत दे दी है, जिन्हें लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने सहारा शहर से हटा दिया था। इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से दाखिल याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

सहारा शहर को ढहाने के मामले में 23 जून को जारी यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश में परिवर्तन करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों की याचिका निपटा दी। उच्चतम न्यायालय के यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश के बाद भी एलडीए की ओर से बाड़े तोड़े जाने के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ अवमानना से जुड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उच्चतम न्यायालय ने हालांकि निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय इस मामले पर तेजी से सुनवाई करे। उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त वरिष्ठ वकील एल. नागेश्वर राव की निगरानी में फिर से बाड़े लगाने का काम 28 और 29 जून को किया जाएगा।

अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस एलडीए की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के 10 और 20 जून को जारी अंतरिम आदेश को दरकिनार कर दिया गया जिसमें कहा गया था कि अगली सुनवाई किए जाने तक दोनों पक्ष 23 जून वाली यथास्थिति ही बरकरार रखेंगे।

First Published - June 25, 2008 | 11:57 PM IST

संबंधित पोस्ट