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Patanjali Product Ban: बाबा रामदेव को लगा बड़ा झटका, पतंजलि की 14 दवाओं का लाइसेंस हुआ सस्पेंड

Patanjali Product Ban: जिन 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित किए गए, उनमें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और मधुमेह (diabetes) के लिए रामदेव की पारंपरिक दवाएं भी शामिल हैं।

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अंशु   
Last Updated- April 30, 2024 | 12:11 PM IST

Patanjali Product Ban: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और उनकी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी पतंजलि (Patanjali) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक सरकारी आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड ने बाबा रामदेव की दवा कंपनियों द्वारा बनाए गए 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस (manufacturing license) को उनकी प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए निलंबित (suspend) कर दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और मधुमेह की दवाएं भी शामिल

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में पारंपरिक दवाओं के दवा नियामक द्वारा 15 अप्रैल के आदेश में रामदेव की कंपनियों के विनिर्माण परमिट को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि इस आदेश को पब्लिक नहीं किया गया था। जिन 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित किए गए, उनमें अस्थमा (asthma), ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और मधुमेह (diabetes) के लिए रामदेव की पारंपरिक दवाएं भी शामिल हैं।

राज्य नियामक मिथिलेश कुमार ने अपने आदेश में लिखा, विनिर्माण परमिट “तत्काल प्रभाव से निलंबित” किए जाते हैं।

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भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव ने मांगी सार्वजनिक माफी

यह आदेश बाबा रामदेव के लिए ताजा झटका है। बाबा रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण (Balkrishna) और पतंजलि आयुर्वेद पहले से ही भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख का सामना कर रही है।

हाल के सप्ताहों में अपनी कुछ पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए चल रहे मुकदमे में शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को कई बार फटकार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बाबा रामदेव ने 24 अप्रैल को अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर सार्वजनिक माफी मांगी।

बता दें कि शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों को नीचा दिखाने का आरोप लगाया गया है।

First Published : April 30, 2024 | 11:15 AM IST