जून तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर अनुबंध संबंधी गतिविधियों पूरी तरह थमने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन पूंजीगत वस्तु एवं निर्माण कंपनियों को सरकारी उपक्रमों के अलावा अमेरिका और पश्चिम एशिया जैसे वैश्विक बाजारों से ऑर्डर मिले हैं।
उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों और विश्लेषकों का कहना है कि नए ऑर्डर संबंधी गतिविधियां दूसरे क्षेत्रों से संबंधित हैं और नई परियोजना संबंधी गतिवधियां कमजोर बनी हुई हैं। करीब 20 कंपनियों द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर किए गए खुलासों के अनुसार, करीब सात कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले।
लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के नए ऑर्डर के लिए एक औसत ऑर्डर मूल्य मान लिया गया क्योंकि इस प्रकार के ऑर्डर हासिल करने में कंपनी की हिस्सेदारी (मूल्य के लिहाज से) की एक सीमा है। इसमें बुनियादी ढांचा, पूंजीगत वस्तु के साथ-साथ इंजीनियरिंग कंपनियों से प्राप्त ऑर्डर शामिल हैं लेकिन स्टॉक एक्सचेंज पर किए गए खुलासे में उसके सभी नए ऑर्डर शामिल नहीं हैं।
एक पूंजीगत वस्तु कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अप्रैल और मई में बहुत कुछ नहीं हुआ। केवल जून में ही ऑर्डर प्राप्त हुए लेकिन वह भी उल्लेखनीय मात्रा में नहीं। फिलहाल जिन ऑर्डरों की घोषणा की गई है उनमें से अधिकतर के लिए निविदा काफी पहले जारी की गई थी और अब आवंटन हुआ है। पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में मामूली चर्चा हुई है जो जूम कॉल पर हुई।’
जून तिमाही का अधिकांश हिस्सा लॉकडाउन में गुजर गया और इसलिए पूंजीगत वस्तु कंपनियों ने वैश्विक बाजारों में नए ऑर्डर तलाशे। अमेरिका में सौर परियोजनाओं और पाइप में ऑर्डर मिलने के अलावा पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप में भी कुछ बिजली परियोजनाओं के ऑर्डर प्राप्त हुए।
आईआईएफएल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की उपाध्यक्ष (अनुसंधान) रेनू वैद्य ने कहा, ‘कुछ कंपनियों को उल्लेखनीय ऑर्डर हासिल हुए। टीऐंडीडी बाजार में कुछ ऑर्डरों को अंतिम रूप दिया गया जो काफी हद तक विदेशी हैं। इनमें से अधिकतर ऑर्डरों को पहले ही अंतिम रूप दिए जा चुके थे अथवा कंपनी पहले ही सबसे कम बोलीदाता रही थी।’
भारत में उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक ने जलापूर्ति, सिंचाई और क्षेत्रीय रैपिड परिवहन व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में नए ठेके आवंटित किए।
खुलासे के अनुसार, अनुबंध आवंटित करने के मोर्चे पर केंद्र सरकार की गतिविधि सीमित रही। अब तक प्राप्त ऑर्डरों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की एक सड़क परियोजना, रक्षा बलों से एक स्मार्ट संचार परियोजना और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर संबंधी ठेका शामिल हैं।
कंपनियों को प्राप्त हुए 25 नए ऑर्डरों में से तीन को निजी कंपनियों द्वारा नए ऑर्डर बताए गए हैं। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने भी इन सूचीबद्ध पूंजीगत वस्तु एवं इंजीनियरिंग कंपनियों को नए ऑर्डर दिए।
