तेल-गैस

भारत को रूस से कच्चे तेल का आयात सितंबर, अक्टूबर में गिरना तय

रूस से कच्चे तेल का आयात वर्ष 2024 में दर्ज औसतन 17 लाख  बैरल रोजाना (बीपीडी) की तुलना में इन दो महीनों में 3,00,000 से 5,00,000 बीपीडी के दायरे में गिरना तय है

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सुधीर पाल सिंह   
Last Updated- August 28, 2025 | 10:40 PM IST

भारत को रूस से कच्चे तेल का आयात सितंबर और अक्टूबर में गिरना तय है। रूस से कच्चे तेल का आयात वर्ष 2024 में दर्ज औसतन 17 लाख  बैरल रोजाना (बीपीडी) की तुलना में इन दो महीनों में 3,00,000 से 5,00,000 बीपीडी के दायरे में गिरना तय है। जुलाई के अंतिम पखवाड़े और अगस्त के पहले पखवाड़े में कार्गो की सुस्त बुकिंग की गतिविधियों का असर दिखने लगा है।

अमेरिका के शुल्क के मंडराते दबाव के बीच रूस की कच्चे तेल पर मुहैया करवाई गई छूट कम हो गई थी। लिहाजा भारत के रिफाइनरों ने पश्चिम एशिया, पश्चिम अफ्रीका और अमेरिका की ओर रुख कर लिया था। लिहाजा निविदाएं बढ़ने से दुबई में तेल के दामों में उछाल आ गया था। दुबई में कच्चे तेल के दाम 18 अगस्त से बढ़कर 3.5 बीबीएल/प्रति डॉलर हो गए हैं।  

हालांकि विश्लेषकों के मुताबिक अगस्त के दूसरे पखवाड़े में भारतीय रिफाइनरों के रूस से तेल खरीदने के कारण अक्टूबर में आवक बढ़ने की उम्मीद है। रिस्टैड एनर्जी की कमोडिटी मार्केट्स – तेल की उपाध्यक्ष प्रिया वालिया ने बताया, ‘भारतीय रिफाइनर आमतौर पर दीवाली के मद्देनजर त्योहारी मांग बढ़ने के कारण तेल की खरीदारी बढ़ा देते हैं। तकनीकी रूप से दुबई के हालिया महंगे कच्चे तेल की तुलना में अच्छा विकल्प रूस का कच्चा तेल है। इससे भी महत्त्वपूर्ण यह है कि अर्थव्यवस्था भी रूस के कच्चे तेल के पक्ष में हैं। अभी 27 अगस्त, 2025 को यूराल का तेल दुबई की तुलना में 4.85 बीबीएल/प्रति डॉलर छूट पर कारोबार कर रहा है।’ हालांकि अन्य विश्लेषक ने जोर दिया कि शुल्क के मुद्दे पर शोर शराबे और उसके प्रभाव के बावजूद भारत रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति कायम रखेगा। जुलाई के अंत में अमेरिका के द्वितीयक प्रतिबंध लगाने के बयान के बाद भारत रूस से आपूर्ति जारी रखेगा।

शिप ट्रैकिंग डेटा और रिसर्च फर्म केप्लर में रिफाइनिंग, सप्लाई और मॉडलिंग के प्रमुख शोध विश्लेषक सुमित रिटोलिया ने कहा, ‘कार्गो के आंकड़े निरंतर प्रवाह या अल्पकालिक अस्थिरता का संकेत दे सकता है लेकिन इन गतिविधियों को वाणिज्यिक समय सीमा और खरीद चक्रों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।’

First Published : August 28, 2025 | 10:21 PM IST