गुरुग्राम मुख्यालय वाली एनआईआईटी लिमिटेड खुद से सीखने वाले पाठ्यक्रम के बजाय नतीजे आधारित पढ़ाई की रणनीति अपनाना बरकरार रखेगी। कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी पंकज जाठर ने यह जानकारी दी है।
जाठर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘सिर्फ एक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने से परिणाम प्रभावित नहीं होते हैं। इसलिए हम इस पर अडिग हैं कि सीखने के लिए एक प्रशिक्षक, एक शिक्षक और एक मार्गदर्शक की जरूरत होती है, जो आपको सीखने में मदद करें।’
दुनिया भर के 10 से अधिक देशों में मौजूद 44 साल पुरानी यह लर्निंग सॉल्यूशंस कंपनी वैश्विक महामारी कोविड के दौरान बंद की गई कक्षाओं को दोबारा खोलने का भी विचार कर रही है। जाठर ने कहा कि यह विद्यार्थियों की मांग पर निर्भर करेगा। फिलहाल, कंपनी उद्यम और व्यक्तिगत विद्यार्थी वर्गों में उनके लिए मौजूद पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाकर अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म में और अधिक निवेश कर रही है।
उदाहरण के लिए एनआईआईटी ने जीएनआईआईटी पाठ्यक्रम को एक बार फिर शुरू किया है, जो एक काम करने के दौरान सीखें कार्यक्रम है। यह कोडिंग की बुनियादी जानकारी देता है और इसे तीन साल में पूरा किया जा सकता है।
जाठर ने कहा कि कंपनी जल्द ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कोडिंग में थोड़े अनुभवी उपयोगकर्ताओं के लिए एजेंटिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) समाधान विकसित करने के वास्ते एक नया पाठ्यक्रम भी शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि, प्लेटफॉर्म का मूल दोनों तरह के उपयोगकर्ताओं के लिए एक जैसा है, लेकिन दोनों वर्षों के लिए सीखने की प्रेरणा काफी अलग है। जाठर ने कहा, ‘उद्यम प्रशिक्षु को पाठ्यक्रम के गेमीकरण की जरूरत नहीं होती है, जबकि व्यक्तिगत विद्यार्थी को सीखने की प्रेरणा पूरी तरह से अलग हो सकती है।’
संगठनों को एआई की तेजी के साथ तालमेल बिठाने के लिए एनआईआईटी भारतीय कंपनियों के लिए जागरूकता कार्यशालाएं भी आयोजित कर रहा है। जाठर ने कहा कि यहां एआई के विभिन्न उपयोगों पर नेतृत्व टीमों के साथ बातचीत की जाएगी, जिसमें यह उत्पादकता में सुधार कैसे कर सकता है, आदि विषय पर चर्चाएं शामिल हैं।
एनआईआईटी केवल तकनीकी ज्ञान समाधान प्रदाता से आगे बढ़कर एक ऐसे मंच पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है जो बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) के साथ-साथ बिक्री और प्रबंधन के क्षेत्र में भी ज्ञान और प्रशिक्षण प्रदान कर सके।