इंडियन प्रीमियर लीग ने कितने ही खिलाड़ियों को गुमनामी के अंधेरे से निकालकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है।
यूसुफ पठान और प्रज्ञान ओझा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को तो बीसीसीआई ने भी माना है और अब बीसीसीआई प्रबंधन इन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में शामिल करने पर भी विचार कर रही है। लेकिन आईपीएल लीग में इन खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन भी इनके लिए विज्ञापनदाता नहीं ढूंढ पाया है।
आईपीएल लीग में अपने प्रदर्शन से सबके चहेते बन चुके स्वपनिल असनोदकर, रविन्द्र जड़ेजा और मनप्रीत गोनी के साथ ही युसुफ पठान और ओझा जैसे खिलाड़ियों पर भी विज्ञापन कंपनियां मेहरबान नहीं दिख रही हैं। लेकिन उनके लिए खुश होने वाली बात यह है कि आईपीएल में टीमों को शहरों के नाम पर बांटा गया था। जिससे इन सभी खिलाड़ियों को स्थानीय विज्ञापन मिलने की उम्मीद है।
सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी परसेप्ट होल्डिंग्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक शैलेन्द्र सिंह ने कहा, ‘नए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के विज्ञापनों के लिए पहले राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनानी पड़ेगी। अभी इन खिलाड़ियों को आम जनता में पहचान मिली है लेकिन इन्हें बड़े विज्ञापन मिलने में अभी वक्त लगे।’
खिलाड़ियों का राष्ट्रीय टीम के लिए अच्छा खेलना ही विज्ञापन कंपनियों के लिए मायने रखता है। लेकिन इस मामले में रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा दो अपवाद हैं। दोनों ही खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में अपने अच्छे प्रदर्शन से विज्ञापन कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया है। इन दोनों खिलाड़ियों को ही बड़ी कंपनियों के विज्ञापन मिले हैं। अभी ये दोनों ही खिलाड़ी पेप्सी के यंगिस्तान टीम के सदस्य हैं।
गेमप्लान के प्रबंध निदेशक जीत बनर्जी ने कहा, ‘मेरे ख्याल से अभी इन खिलाड़ियों को बड़े विज्ञापन मिलना जल्दबाजी ही होगी। अभी तो इन्होंने खेलना ही शुरू किया है। अभी इन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करना है। इसीलिए ऑस्ट्रेलिया में खेल चुके ईशांत को बाकी खिलाड़ियों के मुकाबले ज्यादा बेहतर ऑफर मिले हैं।’ क्रिकेट जगत को सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वाली टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियां भी अभी आईपीएल के इन सूरमाओं के प्रदर्शन को लेकर असमंजस में है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के निदेशक (बिक्री और विपणन) वी रामचंद्रन ने बताया, ‘किसी भी खिलाड़ी को ब्रांड एंबेसेडर बनाने से पहले ब्रांड की पहचान और लक्षित जनसमूह जैसी तमाम चीजों पर ध्यान देना होता है। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी मायने रखता है। एलजी में तो हम आईपीएल लीग के किसी भी नए खिलाड़ी को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाने की बात नहीं सोच रहे हैं।’
लेकिन इन खिलाड़ियों के लिए खुश होने वाली बात है कि इन नए सितारों को स्थानीय विज्ञापन मिल सकते हैं। जैसे कि युसुफ पठान को मिले हैं। सिंह ने कहा, ‘आईपीएल में टीमों को शहरों के आधार पर बांटा गया था। यह स्थानीय विज्ञापन दाताओं के लिए अच्छी बात है।
यहां तक कि अगर कोई अंतरराष्ट्रीय कंपनी स्थानीय बाजार में अपनी पकड़ बनाना चाहती है तो उसके लिए भी यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। इन कंपनियों के लिए मनप्रीत गोनी और अभिषेक नायर को ब्रांउ एबेसेडर बनाना एक अच्छ अवसर हो सकता है।’