उत्तर भारत के दुग्ध बाजार में अब प्रतिस्पर्धा और तगड़ी होने वाली है। कर्नाटक का स्थानीय डेरी ब्रांड नंदिनी भी अब उत्तर भारत के बाजार में प्रवेश करने जा रहा है। फिलहाल, उत्तर भारत के बाजार में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के प्रमुख ब्रांड अमूल और राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की इकाई मदर डेरी का दबदबा है। गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया राष्ट्रीय राजधानी में नंदिनी पेश करेंगे। शुरू में कंपनी दिल्ली के आकर्षक बाजारों में दूध और दही की बिक्री करेगी।
आई-मार्क समूह की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के डेरी बाजार का मूल्यांकन सालाना 72,630 करोड़ रुपये था और इसके साल 2032 तक 1.87 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है यानी यह साल 2024 से 2032 के बीच सालाना 10.7 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ेगा।
अभी दक्षिण भारत की प्रमुख कंपनी दिल्ली के बाजार को साधना चाह रही है और उसकी योजना निकट भविष्य में गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और हरियाणा के अन्य इलाकों सहित उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी पहुंचने की है।
उत्तर भारत के बाजार में मदर डेरी, अमूल, मधुसूदन और नमस्ते इंडिया जैसी कंपनियों से टक्कर मिलने के सवाल पर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के प्रबंध निदेशक एमके जगदीश ने कहा, ‘हम प्रतिस्पर्धा करेंगे और अपनी दुग्ध की गुणवत्ता से उन्हें मात देंगे।
हम रोजाना करीब 92 लाख लीटर दूध खरीदते हैं और कर्नाटक के बाजार में हर दिन 45 से 50 लाख लीटर दूध की खपत होती है। अन्य बाजारों को भी ध्यान में रखते हुए हमारे पास हर दिन 30 लाख लीटर दूध बचता है और इसलिए हम उत्तर भारत के बाजार को आक्रामक तरीके से साधना चाह रहे हैं।’
जगदीश ने कहा, ‘हम शुरू से कर्नाटक से दूध लाकर दिल्ली के बाजार में बेचेंगे। जब बिक्री बढ़ जाएगी तब ही हम उत्तर भारत से दूध खरीदने अथवा अपना संयंत्र स्थापित करने पर विचार करेंगे।’
पिछले वित्त वर्ष में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (भारत की दूसरी सबसे बड़ी डेरी सहकारी संस्था) का सालाना कारोबार करीब 23 हजार करोड़ रुपये था और 26.4 लाख सदस्य इस पर निर्भर थे। उत्तर भारत में प्रवेश के साथ कंपनी साल 209 तक 45 हजार करोड़ रुपये तक अपना कारोबार पहुंचने की उम्मीद कर रही है।
इसके मुकाबले नंदिनी की प्रतिद्वंद्वी जीसीएमएमएफ का वित्त वर्ष 2024 में सालाना कारोबार एक साल पहले के मुकाबले 8 फीसदी बढ़कर 59,445 करोड़ रुपये था। जीसीएमएमएफ फिलहाल दिल्ली के बाजारों में सबसे आगे है। ब्रांड अमूल का समूह कारोबार वित्त वर्ष 2022-23 के 72 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गया था।
जीसीएमएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी किसान वाली डेरी सहकारी समिति है, जिसके गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख किसान हैं और इसके 18 सदस्य संघ रोजाना 300 लाख लीटर दूध खरीदते हैं। दूसरी ओर, मदर डेरी पूरे देश में रोजाना 45 लाख लीटर से अधिक दूध बेचती है, जिसमें से 35 लाख लीटर से अधिक प्रतिदिन दिल्ली-एनसीआर में बेची जाती है।