देश की सबसे बड़ी निर्माण और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (L&T) को बड़े समूह में बदलने के बाद एएम नाइक, जो अब चेयरमैन एमेरिटस हैं, मैसूरु की चिकित्सा उपकरण फर्म एस3वी वैस्कुलर टेक्नोलॉजिज में निवेश करके उद्यम पूंजीपति बन गए हैं।
नाइक का परिवार कार्यालय और अन्य निवेशक कंपनी में 300 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में यूनिकॉर्न बनना तथा वर्तमान में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबदबे वाले भारतीय न्यूरोवास्कुलर उद्योग में पैठ बनाना है। नाइक के अलावा दिग्गज निवेशक मधुसूदन केला ने भी कंपनी में निवेश किया है। कंपनी के मूल्यांकन और या नए निवेशकों की हिस्सेदारी का खुलासा नहीं किया गया है।
नाइक का कहना है कि चिकित्सा उपकरण प्रौद्योगिकी उन्नत चिकित्सा और सटीक इंजीनियरिंग के शीर्ष स्तर पर है तथा यह ब्रेन स्ट्रोक वाले रोगियों के लिए वरदान है और जीवन या मृत्यु में अंतर ला सकती है।
नाइक ने ईमेल पर दिए गए बयान में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मेरा निवेश इसलिए है क्योंकि इस प्रौद्योगिकी को न केवल भारतीयों के लिए बल्कि दुनिया भर के स्ट्रोक के हर रोगी की किफायती स्वास्थ्य देखभाल तकनीक तक पहुंच के लिए बढ़ावा दिया जाना चाहिए। मेरा यह भी मानना है कि भारतीय इंजीनियरिंग विश्व का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करने में सक्षम है।’
आज एक बातचीत में एस3वी वैस्कुलर टेक्नोलॉजिज के प्रवर्तक, निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी बदरी नारायण ने कहा कि स्ट्रोक के इलाज के लिए कंपनी के उत्पादों की कीमत केवल 75,000 रुपये होगी जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा पांच लाख रुपये का शुल्क लिया जाता है।