मीडिया कंपनियों को त्योहारी सीजन से मामूली राहत मिली। डिजिटल प्लेटफॉर्मों के प्रति लगातार झुकाव और प्रमुख क्षेत्रों में सुस्त डिस्क्रेशनरी खर्च की वजह से वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में संभावित विज्ञापन राजस्व वृद्धि प्रभावित हुई।
इन कंपनियों के विज्ञापन राजस्व में यह सुस्ती ऐसे समय आई है जब उन्होंने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर तिमाही) में अपने पारंपरिक विज्ञापन राजस्व में गिरावट दर्ज की थी और उम्मीद जताई गई कि त्योहारी सीजन उनके विज्ञापन राजस्व में मददगार साबित होगा।
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (जेईईएल) के उप मुख्य कार्याधिकारी और मुख्य वित्तीय अधिकारी मुकुंद गलगली ने कंपनी की एनालिस्ट कॉल में कहा, ‘हालांकि दीवाली के नजदीक अक्टूबर में हमने कुछ तेजी देखी। लेकिन नवंबर और दिसंबर में यह गति जल्द ही धीमी पड़ गई।’ उन्होंने कहा कि जी एंटरटेनमेंट के नजरिये से कमजोर खपत के प्रभाव और एफएमसीजी विज्ञापन खर्च में सुस्ती शहरी इलाकों और हिंदीभाषी क्षेत्रों में ज्यादा देखी गई। इसके विपरीत, दक्षिण हिस्से और अन्य भाषाओं के बाजार अभी भी अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
जी एंटरटेनमेंट का विज्ञापन राजस्व वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत घटकर 940.6 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि तिमाही आधार पर कंपनी के विज्ञापन खर्च में 4 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
इसी तरह, रिलायंस इंडस्ट्रीज समर्थित नेटवर्क18 मीडिया ऐंड इन्वेस्टमेंट्स ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अपने टीवी न्यूज व्यवसाय के लिए लिए विज्ञापन कारोबार में सालाना आधार पर 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की। तिमाही आधार पर भी कंपनी का राजस्व मामूली बढ़ा। दिसंबर तिमाही में कलानिधि मारन के स्वामित्व वाली सन टीवी नेटवर्क का विज्ञापन राजस्व भी सालाना आधार पर 6.5 फीसदी घटकर 332.17 करोड़ रुपये रह गया।