दिल्ली की कंपनी मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड और ताकेदा फार्मास्युटिकल ने भारतीय बाजार में वोनोप्राजन के व्यावसायीकरण के लिए नॉन-एक्सक्लुसिव पेटेंट लाइसेंस समझौता किया है। कंपनी के बयान से यह जानकारी मिली है। समझौते के अनुसार मैनकाइंड फार्मा अपने ट्रेडमार्क के तहत गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के इलाज के लिए नई दवा पेश कर सकेगी।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज पाचन संबंधी ऐसा पुराना रोग होता है, जिसमें पेट के अम्ल या पित्त से भोजन नली की सतह को दिक्कत होती है। खट्टी डकार और जलन भी इसका लक्षण है। वोकेजना जैसे ब्रांड नामों के तहत विपणन की जाने वाली वोनोप्राजन पोटेशियम कम्पेटिटिव एसिड ब्लोकर (पी-सीएबी) दवा है। इसका उपयोग पेट के अल्सर जैसा बीमारियों में फ्यूमरेट के रूप में किया जाता है।
मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड के ईवीपी (वैश्विक कारोबार विकास) एम रमेश ने कहा, ‘ताकेदा के साथ यह नॉन-एक्सक्लुसिव पेटेंट लाइसेंस समझौते से भारत में मरीजों को नए और कारगर उपचार की सुविधा मिलेगी। वोनोप्राजन को पेश करके हमारा लक्ष्य चिकित्सा की बड़ी जरूरत पर ध्यान देना और अम्ल संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
यह अम्ल से संबंधित विकारों से निपटने के लिए नया और उन्नत विकल्प है, जिससे संभावित रूप से बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और जीवन की गुणवत्ता मिलती है।’ इसके अलावा सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज ने 10 एमजी और 20 एमजी वाली खुराक में भारत में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दवा पेश करने के लिए ताकेदा के साथ साझेदारी कर रखी है। जून में टॉरंट फार्मा ने अपने ट्रेडमाक कैबवी के तहत वोनोप्राजन का विपणन करने के लिए इसी तरह का समझौता किया था।