स्वास्थ्य और सेहत को लेकर सजग ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है।
इसी वजह से उम्मीद की जा रही है कि 2013 तक विटामिन और पोषक उत्पादों की बिक्री में 33 फीसदी का इजाफा हो सकता है और यह 3,400 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर सकता है।
इससे एमवे, डाबर, हेन्ज इंडिया, रैनबैक्सी और फाइजर जैसी कंपनियों के बीच भी स्वाभाविक तौर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी। एक अंतरराष्ट्रीय शोध कंपनी यूरोमॉनिटर इंटरनैशनल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि भारत का विटामिन और पोषण उत्पाद का बाजार पिछले साल तक 2556 करोड़ रुपये का है और इसमें निरंतर विकास हो रहा है।
साथ ही डायरेक्ट बिक्री करने वाली कंपनियों एमवे और एफएमसीजी कंपनी डाबर के बीच प्रतिस्पद्र्धा काफी बढ़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एमवे इस बाजार में 16.9 फीसदी हिस्से पर काबिज है, जबकि डाबर ने 11.8 फीसदी बाजार पर कब्जा किया है। तीसरे पायदान पर हेन्ज इंडिया विराजमान है। रैनबैक्सी और फाइजर 4.6 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इस बाजार खंड में विकास मुख्य तौर पर शहरी ग्राहकों की वजह से हो रहा है, जो स्वास्थ्य जरूरतों को लेकर काफी सजग हैं। ज्यादा तनावपूर्ण जीवन शैली, प्रदूषण और पाचन शिकायतों की वजह से इन उत्पादों की बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है।’
कंपनियां भी इस बदलते पैटर्न को भांप चुकी हैं। यही वजह है कि वे या तो इस खंड में नए उत्पाद लॉन्च कर रही है या अपनी मौजूदा उत्पाद श्रेणी में ही स्वास्थ्यवर्द्धक और पोषक उत्पादों को जोड़ रही हैं।
बाजार की अग्रणी कंपनी एमवे अपने ‘न्यूट्रीलाइट’ ब्रांड के जरिये पोषण और सेहत खंड में 50 फीसदी का टर्नओवर करती है। एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज की मार्केटिंग और नैशनल हेड दीपाली शुक्ला ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूट्रीलाइट का बाजार 3.8 अरब डॉलर का बाजार है, जबकि भारत में यह 600 करोड़ रुपये का कारोबार करता है। इस साल हम लोग पोषण, लाइफ स्टाइल जैसे विशेष उत्पाद श्रेणी में पांच और उत्पाद लाने जा रहे हैं।’
इसके अलावा स्वीडन की कॉस्मेटिक कंपनी ओरिफ्लेम इस साल भारत में प्रोटीन शेक जैसी वेलनेस प्रोडक्ट बाजार में उतारने जा रही है। ओरिफ्लेम के प्रबंध निदेशक और प्रमुख कार्यकारी अधिकारी मैग्नस ब्रैनस्ट्रोम ने कहा, ‘हम लोग इस साल वेलनेस प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे हैं। शुरू में हमलोग इन उत्पादों को चीन और स्वीडन से खरीदेंगे। हमलोगों ने यूरोप में ऐसे उत्पाद पहले ही लॉन्च कर दिए हैं। इसमें विटामिन, फूड सप्लीमेंट, त्वचा के लिए एंटी ऑक्सिडेंट आदि शामिल हैं।’
हालांकि उन्होंने इन उत्पादों के कीमतों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हेल्थ और ब्यूटी केयर कंपनी वीएलसीसी भी अगले दो साल में घरेलू और विदेशी बाजारों में 100 करोड़ रुपये निवेश क रेगी, जिसमें पोषण आधारित उत्पाद भी शामिल होंगे। इमामी भी तनाव मुक्ति की दवा ओटीसी ड्रग लॉन्च करने की योजना बना रही है। 2006 में डाबर की ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवा तीसरे पायदान पर थी।
विटामिन और पोषक उत्पादों की बिक्री में 33 फीसदी इजाफे से यह बाजार हो सकता है 3,400 करोड़ रुपये के पार
एमवे, डाबर, हेन्ज इंडिया, रैनबैक्सी और फाइजर जैसी कंपनियों के बीच बढे ज़ोरदार मुकाबले के आसार
