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ओएनजीसी की बोली पर एलऐंडटी फिर अदालत में

Last Updated- December 06, 2022 | 10:02 PM IST

नामी विनिर्माण कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ओएनजीसी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंच गई है।


कंपनी ने मुंबई अपतटीय तेल क्षेत्र के लिए मलेशियाई कंपनी रामुनिया फैब्रिकेटर्स की बोली पर विचार के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अशोक भान की पीठ ने 13 मई को सुनवाई के दौरान कहा था कि उसे मलेशियाई कंपनी की बोली में कोई कमी नहीं दिखती, इस वजह से ओएनजीसी पर रोक लगाने की कोई बुनियादी वजह नजर नहीं आती।


वहीं इस मामले में एलऐंडटी का तर्क है कि रामुनिया निविदा के  बुनियादी और आवश्यक मांपदडों पर ही खरी नहीं उतर रही है। ऐसे में ओएनजीसी को मलेशियाई कंपनी की निविदा पर विचार की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।


ओएनजीसी ने बी-22 तेल क्षेत्र विकास परियोजना के लिए मई, 2007 में निविदाएं मंगाई थीं। एलऐंडटी के मुताबिक इसके लिए ओएनजीसी के पास बोली तो रामुनिया ने ही लगाई थी, पर कागजात उसकी हांग कांग की कंपनी रामुनिया फैब्रिकेटर्स की ओर से जमा कराए गए थे। लेकिन निविदा मंगाने के लिए जारी नोटिस में कहा गया था कि बोली लगाने वाली कंपनी को दस्तावेज अपने नाम से ही जमा कराने होंगे।


एलऐंडटी ने कहा कि निविदा के नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनी ने अपनी निविदा की राशि का जिक्र पत्राचार में किया था।  इसलिए उसकी निविदा को रद्द कर दिया जाना चाहिए।

First Published - May 8, 2008 | 12:04 AM IST

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