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मारुति को घाटा

Last Updated- December 05, 2022 | 11:44 PM IST

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने वित्त वर्ष 2007-08 में वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री की, बावजूद इसके अंतिम तिमाही का परिणाम अच्छा नहीं रहा।


मार्च, 2008 में समाप्त हुई चौथी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 33.64 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2006-07 की चौथी तिमाही में कंपनी को 448.6 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, जो 2007-08 की अंतिम तिमाही में घटकर 297.7 करोड़ रुपये रह गया।  चौथी तिमाही में कंपनी को 5,069.9 करोड़ रुपये की आय हुई।


वित्त वर्ष 2007-08 में कंपनी का मुनाफा इससे पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले 10.8 फीसदी बढ़कर 1730.8 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि आय 18,823.8 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने बताया कि उसके निदेशक बोर्ड ने वर्ष 2007-08 के लिए 100 फीसदी लाभांश की घोषणा की है, जबकि वित्त वर्ष 2006-07 में 90 फीसदी लाभांश दिया गया था।


दरअसल, कंपनी ने ह्रास के लिए अतिरिक्त 212.3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे अंतिम तिमाही का लाभ प्रभावित हुआ है। वित्त वर्ष 2007-08 में मारुति सुजुकी ने 7,64,842 वाहनों की बिक्री की, जो कंपनी के इतिहास का सबसे बड़ा आंकड़ा है।


कीमतें बढ़ेंगी: अगले कुछ हफ्तों में मारुति कीमतें बढ़ाएगी। कंपनी बढ़ती इनपुट लागत के दबाव की वजह से कीमतें बढ़ा रही है। इस्पात कंपनियां कीमतों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी करने की बात कर रही हैं। हालांकि कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका खुलासा नहीं किया गया। 


चौथी तिमाही – 5,069.9करोड़ रु. की आय
297.7 करोड़ रु. का मुनाफा


वित्त वर्ष 2007-08
18,823.8 करोड़ रु. की आय
1730.8 करोड़ रु. का मुनाफा


शेयरधारकों को 100 फीसदी का लाभांश

First Published - April 25, 2008 | 12:26 AM IST

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