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Legrand भारत में विस्तार की बना रही योजना, भारत को इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं- CEO कोक्वार्ट

Last Updated- April 11, 2023 | 10:21 PM IST
Legrand
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फ्रांस की इलेक्ट्रिकल और डिजिटल बुनियादी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लेग्रैंड (Legrand) के मुख्य कार्याधिकारी बेनोइट कोक्वार्ट (Benoît Coquart) का कहना है कि कंपनी देश में विस्तार करने की योजना बना रही है। पीरजादा अबरार के साथ एक बातचीत में कोक्वार्ट ने कहा कि लेग्रैंड निवेश बढ़ा रही है और इस साल लगभग 500 लोगों को नियुक्त कर रही है। संपादित अंश :

आप वैश्विक स्तर पर व्यापक आर्थिक अनिश्चितता और कारोबारों पर इसके असर को कैसे देखते हैं, जिसमें आपका कारोबार भी शामिल है?

पांच साल में हम पांच अरब यूरो से बढ़कर आठ अरब यूरो हो गए। अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी अनिश्चितताएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी है और व्यापक आर्थिक कारक बहुत सहायक नहीं है। लेकिन हम अब भी कुछ छोटी वृद्धि को लक्ष्य बना रही हैं।

हमने साल की शुरुआत में कहा था कि हम राजस्व में दो से छह प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य बना रहे हैं। इसलिए हम बढ़ते रहेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेग्रैंड को पारंपरिक उत्पादों जैसे लाइट स्विच, सर्किट ब्रेकर और केबल प्रबंधन उत्पादों से डेटा केंद्र, कनेक्टेड उत्पादों और ग्रीन उत्पादों जैसे तेजी से विस्तार करने वाले खंड में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इस बदलाव के कारण हम मानते हैं कि भले ही अर्थव्यवस्था वर्ष 2023 में सहायक न हो, लेकिन फिर भी हम दो अंकों में वृद्धि करेंगे।

आप भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनी की वृद्धि को अपने क्षेत्र से किस तरह देखते हैं?

हमारे लिए भारत महत्त्वपूर्ण देश है। अमेरिका, फ्रांस और इटली के बाद यह हमारे लिए चौथा सबसे बड़ा देश है। हमारी बिक्री का पांच प्रतिशत इसमें है। यहां हमारे 5,000 लोग हैं। हम उतने ही भारतीयों को रोजगार देते हैं, जितने फ्रांस के लोगों को।

निश्चित रूप से कोविड वाला साल भयानक था। लेकिन कोविड से उबरने के बाद अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। पिछले साल हमने भारत में 20 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की थी। इस साल भी हमारा इरादा काफी तेज वृद्धि का है। भारत पिछले 25 साल से हमारा सबसे तेजी से वृद्धि करने वाला देश रहा है।

भारत को बुनियादी ढांचे पर वर्ष 2024-25 तक 1.4 लाख करोड़ डॉलर का निवेश करने की जरूरत है। लेग्रैंड किन अवसरों में दस्तक दे रही है?

विद्युतीकरण से संबंधित हर चीज हमारे लिए महत्वपूर्ण है। जब भी आप विद्युतीकरण करते हैं, आपको गुणवत्ता और सेवा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यूपीएस (बाधा रहित बिजली आपूर्ति) की जरूरत होती है। आपको सुरक्षा के लिए सर्किट ब्रेकर और स्विचगियर की भी जरूरत होती है।

भारत को वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के 20 लाख चार्जिंग स्टेशनों की भी जरूरत होगी। इसलिए विद्युतीकरण से संबंधित हर चीज का हमारे कारोबार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना चाहिए। दूसरा क्षेत्र स्वास्थ्य सेवा है। जब आप अस्पताल बना रहे होते हैं, तो आपको स्विचगियर, लाइट स्विच, यूपीएस और कई अन्य उत्पादों की जरूरत पड़ती है।

भारतीय और विदेशी कंपनियां अगले छह साल के दौरान भारत में डेटा केंद्र क्षमताओं पर 18 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर सकती हैं, जो छह गुना वृद्धि का संकेत है। लेग्रैंड इस अवसर को कैसे देख रही है?

भारत में डेटा केंद्र उद्योग के विकास को देखना हैरतअंगेज है। भारत में मोबाइल डेटा की खपत दर सबसे अधिक है – अमेरिका, चीन, जापान और फ्रांस के लोगों से भी अधिक। साफ तौर पर बड़ी संभावना है।

ऐसे समय में जब दुनिया चीन-प्लस-वन विविधीकरण रणनीति पर विचार कर रही है, आप भारत में किस तरह का अवसर देखते हैं और लेग्रैंड इसमें क्या भूमिका निभा सकती है?

हम समूह के लिए भारत को तेजी से इंजीनियरिंग और विनिर्माण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। भारत में हम जो बिक्री करते हैं, उसका लगभग 86 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित होता है। हमारा मानना है कि भारत के पास कई संसाधन हैं, जिनका शेष विश्व के लिए बेहतर लाभ उठाया जा सकता है।

First Published - April 11, 2023 | 7:17 PM IST

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