बढ़िया बंदरगाह कारोबार और कार्गो में करीब दो अंकों की वृद्धि के साथ जेएसडब्ल्यू समूह की बंदरगाह कंपनी जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं में आक्रामक रूप से पैठ के साथ अंतर्देशीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रमुख कंपनी बनने की तैयारी कर रही है।
जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अरुण माहेश्वरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने अपने तीसरे पक्ष वाले कारोबार में 50 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि कर ली है। तो अब, आगे क्या? किसी भी बंदरगाह कंपनी के लिए कनेक्टिविटी परियोजनाएं स्वाभाविक विस्तार होती हैं जो ग्राहकों के लिए और ज्यादा मूल्य संवर्धित सेवाएं देती हैं। जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, उसके मद्देनजर कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस), अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) और प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल (पीएफटी) आने वाले दिनों में बहुत उपयोगी साबित होंगे।’
27 जून को कंपनी ने ऐलान किया था कि उसने 1,644 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर लॉजिस्टिक्स फर्म नवकार कॉरपोरेशन में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल कर ली है। यह सौदा साल 2024-25 की तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। इस अधिग्रहण से बंदरगाह क्षेत्र की इस कंपनी को कई अंतर्देशीय परिसंपत्तियों जैसे तीन सीएफएस, दो गति-शक्ति कार्गो टर्मिनल और एक आईसीडी का संचालन करने की अनुमति मिल जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘हम इस क्षेत्र में अपने पोर्टफोलिया को उसी उत्साह के साथ बढ़ाएंगे, जैसा हम अपने बंदरगाह कारोबारों में करते हैं।’ विस्तार के लिए माहेश्वरी के पसंदीदा भौगोलिक इलाके मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य भारत होंगे। यहीं पर आंतरिक और बंदरगाह कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर हमें किसी ऐसी रणनीतिक जगह पर बोली लगानी हो, जहां मुझे प्रमुख ग्राहक नजर आते हों तो मुझे बोली लगाने और उसके बाद उस पर वॉल्यूम बढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं है ताकि इससे बैलेंस शीट पर दबाव न पड़े।’
जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा ने इस तिमाही की शुरुआत में चेन्नई में गति-शक्ति कार्गो टर्मिनल भी हासिल किया था। इस पर 150 करोड़ का पूंजीगत व्यय होगा। कंपनी ने हाल में साल 2024-25 की पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है। इसने परिचालन से राजस्व में 15 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 1,010 करोड़ रुपये हो गया लेकिन शुद्ध लाभ में नौ प्रतिशत की गिरावट देखी गई। कंपनी ने अपनी निवेशक बैठक में कहा कि विदेशी मुद्रा के समायोजन की वजह से ऐसा हुआ।
मुख्य कार्य अधिकारी ने कहा, ‘पहली तिमाही में संचालित कार्गो में पिछले साल के मुकाबले नौ प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। हमारे एक प्रमुख ग्राहक (जेएसडब्ल्यू स्टील डोलवी का संयंत्र) के साथ काम बंद हुआ जिसका कार्गो पर लगभग 27 से 28 लाख टन का असर पड़ा।
यह नियोजित कामबंदी थी और अगर ऐसा नहीं होता तो यह इजाफा 18 प्रतिशत हो जाता। हमारे टर्मिनल बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने दो अधिग्रहण किए हैं जिससे कार्गो के वॉल्यूम में मदद मिली।’ पहली तिमाही में तीसरे पक्ष के कार्गो के संचालन का कंपनी के कुल वॉल्यूम में 50 प्रतिशत हिस्सा रहा और पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की तुलना में इसमें 48 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।