फूड डिलिवरी कंपनियों जोमैटो और स्विगी के शेयरों में बड़ी गिरावट के बाद विश्लेषक अब मान रहे हैं कि निवेशकों के लिए इनमें खरीदारी का यह सही समय है। उनका कहना है कि शेयर कीमतों और मूल्यांकन में बड़ी गिरावट की वजह से भी अब इन्हें लेकर उत्साह है। हालांकि परिचालन से जुड़ी समस्याएं अगली एक-दो तिमाहियों तक रह सकती हैं, लेकिन ऐसी चिंताओं की बदलती प्रवृत्ति ने शेयरों को दीर्घावधि के लिहाज से मौजूदा स्तरों पर खरीदारी के लिए आकर्षक बना दिया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है, ‘निवेशकों ने क्विक कॉमर्स (क्यूसी) सेगमेंट में नकदी चिंताओं के बीच जोमैटो और स्विगी के शेयरों को निकाल दिया। लेकिन हमारा मानना है कि ये चिंताएं शेयरों की कीमतों में बहुत ज्यादा दिख रही हैं क्योंकि स्विगी अब खाद्य वितरण व्यवसाय की उचित वैल्यू से 30 प्रतिशत कम पर कारोबार कर रहा है। दूसरी ओर, जोमैटो ऐसे मूल्य पर कारोबार कर रहा है जो क्विक कॉमर्स के लिए कुछ भी नहीं है। हमें लगता है कि यह विसंगति लंबे समय तक बने रहने की संभावना नहीं है।’
कैलेंडर वर्ष 2025 में जोमैटो का शेयर बीएसई पर अब तक 19.62 फीसदी टूट चुका है जबकि स्विगी का शेयर इसी अवधि में 33.29 फीसदी नीचे आया है। इसकी तुलना में सेंसेक्स में 3.44 फीसदी की गिरावट आई है। अपने रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से, जोमैटो का शेयर 26.61 फीसदी लुढ़का है और स्विगी के शेयर में 41.55 फीसदी की कमजोरी आई है। इस बीच, बीएसई 12.24 फीसदी नीचे आया है।
विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों ने अत्यधिक नकदी फूंकने और क्विक कॉमर्स क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए दोनों सूचीबद्ध कंपनियों में घबराहट में बिकवाली की। इस होड़ में अब फ्लिपकार्ट मिनट्स और एमेजॉन नाउ भी मौजूदा कंपनियों – जोमैटो की ब्लिंकिट, स्विगी की इंस्टामार्ट और जेप्टो (गैर-सूचीबद्ध) के साथ शामिल हो गई हैं।
जेएम फाइनैंशियल का अनुमान है कि क्विक कॉमर्स उद्योग की नकदी खर्च करने की स्थिति या तो चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही या अगले वित्त वर्ष की जून तिमाही में चरम पर रहेगी। उसका मानना है कि तब तक उद्योग-व्यापी डार्क स्टोर और वेयरहाउसिंग निवेश में नरमी आ जाएगी।
विश्लेषकों को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2025 की कर छूट से वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही से खपत में इजाफ होगा। उनका मानना है कि इससे अगले वित्त वर्ष में जोमैटो और स्विगी की आय बढ़ेगी।
ऐतिहासिक रूप से वित्त वर्ष 2006, वित्त वर्ष 2011, वित्त वर्ष 2013 और वित्त वर्ष 2014 में खपत में काफी वृद्धि हुई जब बजट में अहम कर कटौती की घोषणा की गई। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि फूड डिलिवरी सेक्टर की डिस्क्रेशनरी संबंधी प्रकृति मददगार साबित हो सकती है क्योंकि मई 2025 से उपभोक्ताओं को अधिक डिस्पोजेबल आय दिखाई देने लगेगी।
इसे ध्यान में रखते हुए ब्रोकरेज ने जोमैटो और स्विगी पर अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग दोहराई है और कीमत लक्ष्य 310 रुपये और 740 रुपये रखा है। जेएम फाइनैंशियल ने भी शेयरों को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और जोमैटो का कीमत लक्ष्य 280 रुपये और स्विगी का 500 रुपये निर्धारित किया है।