जियो स्टार अपने स्ट्रीमिंग कार्यक्रमों को देश के सबसे निचले तबके तक ले जाने पर काफी ध्यान दे रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी कंपनी की संयुक्त इकाई के उपाध्यक्ष उदय शंकर ने यह जानकारी दी। संयुक्त उद्यम का सौदा पूरा होने के बाद ब्लूमबर्ग टीवी के साथ बातचीत में बोधि ट्री सिस्टम्स के सह-संस्थापक उदय शंकर ने कहा, ‘केवल शीर्ष स्तर के भारतीयों के लिए कार्यक्रम तैयार करने में मेरा विश्वास नहीं है।’
उन्होंने कहा कि उद्योग की विडंबना यह है कि सभी लोग 1.4 अरब लोगों के बारे में बात करते हैं लेकिन जब वे अपनी रणनीति बताते हैं तो वे (मीडिया कंपनियां) सिर्फ 20 से 30 करोड़ लोगों को ध्यान में रखते हैं।
70,532 करोड़ रुपये वाला यह सबसे बड़ा संयुक्त उद्यम उन पेशकशों को बनाने पर ध्यान दे रहा है जो आकर्षक हों और किफायती हों और यह महज प्रीमियम सदस्यता मॉडल तक ही सीमित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘स्ट्रीमिंग के मोर्चे पर हम टेलीविजन का विकल्प तैयार करना चाहते हैं।’
संयुक्त उद्यम का नियंत्रण रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास होगा। उसकी इस संयुक्त उद्यम में 16.34 फीसदी, वायकॉम 18 की 46.82 फीसदी और डिज्नी की 36.84 फीसदी हिस्सेदारी है। उदय शंकर ने राजस्व के मॉडल को नया रूप देने के लिए मौजूदा परिदृश्य में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत और दुनिया भर की मीडिया कंपनियां राजस्व कमाने के मॉडल के नवाचार में काफी आलसी रही हैं।’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि जो कंपनियां लंबे अरसे से चली आ रही हैं वे भी सबस्क्रिप्शन और विज्ञापन बेचने के ही मॉडल पर ही टिकी हैं। उनका मानना है कि आज के दौर में प्रौद्योगिकी सभी कंपनियों को इससे कहीं ज्यादा करने के लिए सक्षम बनाती हैं और जियो स्टार अपने कारोबारी मॉडल के नएपन पर काफी ध्यान देगा।
विलय के कारण नौकरियां जाने की आशंका पर शंकर ने कहा कि जियो स्टार के आक्रामक वृद्धि एजेंडे से अधिकतर लोगों को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभा एक ऐसी जरूरत है जिसके लिए हम रोजाना संघर्ष करते हैं और मुझे लगता है कि जियो स्टार प्रतिभाओं को अपनी तरफ खींचेगा। कुछ खबरों के मुताबिक डिज्नी इंडिया के कई प्रमुख अधिकारी संयुक्त इकाई बनने से पहले ही संगठन छोड़ रहे हैं।