भारत की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज इस साल के अंत तक पेइचिंग, पेरिस और मिलान में भी अपने पंख फैलाने की तैयारी में है।
कंपनी इसके लिए जोर शोर के साथ तैयारियां कर रही है।अभी तक कंपनी की उड़ानें लंदन के रूट पर जाती हैं। इस रूट पर उड़ानों के मामले में जेट एयरवेज सबसे आगे है। इस रूट की उड़ानों से होने वाली कमाई में जेट एयरवेज का हिस्सा 33 फीसदी है। कंपनी की ज्यादातर उड़ानें मुंबई के बाद ब्रसेल्स जाती हैं।
जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने कंपनी के खाड़ी और अमेरिकी (एयर इंडिया के मुख्य बाजार) विमानन बाजार के बारे में कंपनी की योजनाओं के बारे में कहा ‘हम जून से दुबई में अपनी उड़ान सेवा शुरू करने जा रहे हैं। पिछले हफ्ते हुई द्धिपक्षीय बातचीत के बाद भारतीय विमानन कंपनियों को दी गई सीटों की संख्या 31,000 से बढ़ाकर 54,000 सीट प्रति सप्ताह कर दी गई हैं। हमने इसमें से लगभग 15,000 सीट हर हफ्ते जेट एयरवेज और जेटलाइट के लिए मांगी हैं।’
जेट दुबई के लिए उड़ानों को दिल्ली और मुंबई से संचालित करेगी। एयर इंडिया के दूसरे बड़े बाजार (शांघाई) पर भी जेट एयरवेज की नजरें टिकी हुई हैं। गोयल ने मुंबई-शांघाई-सैन फ्रांसिस्को रूट पर भी कंपनी की उड़ान लाँच करने की घोषणा की।गोयल ने कहा ‘हम 14 जून तक शांघाई के लिए उड़ान भरने की याजना बना रहे हैं। अभी हमें दोनों सरकारों से इजाजत लेनी है। हम सिर्फ सरकारों की अनुमति का ही इंतजार कर रहे हैं।’
इस रूट पर उड़ान भरने की मंजूरी मिलने के बाद जेट एयरवेज अमेरिका में चीन के रास्ते उड़ान भरने वाली पहली विमानन कंपनी बन जाएगी। एयरलाइन का दावा है कि 18 घंटे की यह रास्ता भारत से अमेरिका जाने वाला सबसे छोटे रूटों में से एक होगा।
जेट की और योजनाओं के बारे में गोयल ने कहा ‘हम आने वाले कुछ हफ्तों में ही सऊदी अरब में रियाद और जेद्दा के लिए उड़ानें शुरू कर सकती है। हमारा लक्ष्य इस रूट पर जाने वाले लोगों की पहली पसंद बनना है।’ अभी जेट कुवैत, बहरीन,मस्कट, दोहा और अबूधाबी के लिए उड़ानें भरती हैं।
देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस से प्रतिस्पद्र्धा के कारण जेट एयरवेज विदेशी कंपनियों के साथ करार कर रही है। कंपनी ने हाँग-काँग की कैथे एयर पैसिफिक एयरवेज के साथ फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रोग्राम ‘एशिया माइल्स’ के लिए करार किया है।
गोयल ने कहा ‘दुबई की उड़ानों के लिए एमिरेट्स के साथ, अबूधाबी उड़ानों के लिए ऐतिहाद के साथ और दोहा में उड़ानों के लिए कतर एयरवेज और ओमान एयरवेज के साथ भी ऐसे समझौतों के लिए बात चल रही है।’