विविध क्षेत्रों में कारोबार करने वाली प्रमुख कंपनी आईटीसी अपने होटल कारोबार के लिए एक ‘वैकल्पिक ढांचे’ पर विचार कर रही है। मीडिया के साथ बातचीत करते हुए आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने पुनर्गठन के लिए कंपनी की योजनाओं के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह खुलासा किया।
पुरी ने कहा, ‘हम सही परिसंपत्ति वाली रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हम मूल्य सृजन के लिए कुछ इकाइयों के वैकल्पिक पुनर्गठन पर गौर करेंगे।’ हालांकि पुरी ने स्पष्ट किया कि अभी इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
वर्ष 2004 में आईटीसी ने अपनी सहायक इकाइयों आईटीसी होटल्स और अंसल होटल्स को खुद में विलय को मंजूरी दी थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या एक वैकल्पिक ढांचे का मतलब होटल कारोबार को अलग करना तो नहीं है। कारोबार के विविधीकरण के पीछे आईटीसी के दर्शन के बारे में बताते हुए पुरी ने कहा कि हमारा विचार अपनी आंतरिक क्षमताओं को बाजार में मौजूद अवसरों के अनुरूप ढालना है। होटल जैसे कुछ कारोबार जहां पहले विविधीकरण किया गया था लेकिन मौजूदा समय में उस पर रणनीतिक विचार करना और संभवत: वैकल्पिक ढांचा तैयार करना आवश्यक हो गया है।
पुरी ने कहा, ‘यह क्या होगा और इसे कैसे किया जाएगा, फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया जा सकता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पोर्टफोलियो में कई छोटी-छोटी इकाइयां हैं जिन्हें संस्थागत ताकत से मदद की आवश्यकता है और इसलिए उसे पुनर्गठित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमेशा के लिए पत्थर की लकीर कुछ भी नहीं होता। हमें यह देखना होगा कि शेयरधारकों के लिए अधिकतम मूल्य कैसे सृजित किया जा सकता है।’ जहां तक होटल कारोबार का संबंध है तो आईटीसी ने हाल के दिनों में उपयुक्त परिसंपत्ति वाली रणनीति अपनाई है। फिलहाल उसके 10,000 कमरों में से 5,300 कमरे प्रबंधित हैं। करीब 4,000 कमरे निर्माणाधीन हैं जिसमें से 3,000 कमरे प्रबंधित श्रेणी में हैं।