प्रमुख आईटी सेवा कंपनी विप्रो ने आज अपने कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणा की। इससे कंपनी के करीब 80 फीसदी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। यह वेतन वृद्धि 1 सितंबर 2021 से प्रभावी होगी। चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को दी गई यह दूसरी वेतन वृद्धि है।
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘विप्रो बैंड बी3 (सहायक प्रबंधक एवं इससे नीचे) तक सभी पात्र कर्मचारियों के लिए योग्यता के आधार पर वेतन वृद्धि (एमएसआई) की प्रक्रिया शुरू करेगी जो 1 सितंबर 2021 से प्रभावी होगी।’ जनवरी 2021 में कंपनी ने इस श्रेणी के अपने कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणा की थी। कंपनी के कुल कार्यबल में इस श्रेणी के कर्मचारियों की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है।
विप्रो ने कहा कि सी1 बैंड (प्रबंधक और इससे ऊपर) के सभी पात्र कर्मचारियों को 1 जून से प्रभावी वेतन वृद्धि मिलेगी। कंपनी ने कहा, ‘औसतन यह वेतन वृद्धि ऑफशोर कर्मचारियों के लिए ऊचे एकल अंक में होगी जबकि ऑनसाइट कर्मचारियों के लिए यह मध्य एकल अंक में होगी। कंपनी शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को अधिक वृद्धि का तोहफा देगी।’
कंपनी ने चौथी तिमाही के लिए वित्तीय नतीजे जारी करते हुए कहा था कि प्रतिभाओं को कंपनी में बरकरार रखने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेगी। चौथी तिमाही के दौरान विप्रो में कर्मचारियों के कंपनी छोडऩे की दर 12.1 फीसदी रही।
विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) गौरव गोविल ने कहा, ‘हम सही कौशल वाले लोगों को कौशल आधारित बोनस भी दे रहे हैं और यह पहले से ही चल रहा है।’ कंपनी आपूर्ति पक्ष की मजबूती को बरकरार रखने के लिए परिसरों से भी नियुक्तियां करेगी। वित्त वर्ष 2021 में विप्रो ने विभिन्न परिसरों से 10,000 फ्रेशर्स की नियुक्ति की है। विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनी ने नियुक्ति के लिए किसी लक्ष्य का खुलासा नहीं किया है लेकिन आईटी कंपनियां मांग के अनुसार नियुक्तियां बरकरार रखेंगी।
विप्रो एक साल के भीतर दूसरी वेतन वृद्धि देने वाली दूसरी आईटी सेवा कंपनी होगी। इससे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने थोड़े समय के अंतराल पर वेतन वृद्धि की घोषणा की थी।