दुनिया की सबसे महंगी खेल स्पद्र्घा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दर्शकों की तादाद इस साल लगातार घटती जा रही है, जिसका अंदाजा मीडिया उद्योग के दर्शकों से संबंधित आंकड़ों से मिला है। देश में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (बार्क) टेलीविजन दर्शकों का जायजा लेता है। आईपीएल के दूसरे हफ्ते के दौरान यानी 2 अप्रैल से 8 अप्रैल 2022 के बीच उसके पहले हफ्ते और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले टीवी रेटिंग में दर्शकों की भारी कमी के रुझान दिखे हैं। इस साल आईपीएल की शुरुआत 26 मार्च को हुई थी।
इस साल दूसरे हफ्ते में आठ मैचों की औसत टीवी रेटिंग देश भर में कमोबेश हरेक आयु वर्ग में गिरी। 15 से 21 वर्ष के दर्शकों में रेटिंग 1.98, 22 से 30 वर्ष में 2.43 और 31 से 40 वर्ष के दर्शकों में 2.34 ही रही। इस साल टूर्नामेंट के पहले हफ्ते में यह गिरावट क्रमश: 17 फीसदी, 12 फीसदी और 15 फीसदी तक रही। आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले साल की तुलना में दूसरे हफ्ते में दर्शकों की तादाद में अच्छी-खासी कमी देखी गई। दर्शकों के 15 से 21 साल के आयु वर्ग में टीवी रेटिंग में 40 फीसदी तक कमी देखी गई जबकि 22 से 30 साल और 31 से 40 साल के आयु वर्ग में टीवी रेटिंग 34 फीसदी तक कम हो गई। पिछले साल की तुलना में पहले हफ्ते में इन तीन आयु वर्गों में टीवी रेटिंग में क्रमश: 38 फीसदी, 33 फीसदी और 32 फीसदी तक की कमी आई।
गुरुग्राम की एक सलाहकार कंपनी कियाओस मार्केटिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सजल गुप्ता का कहना है,’पिछले डेढ़ साल में आईपीएल तीन बार हो चुका है और महज 6-6 महीने के अंतर पर यह टूर्नामेंट दर्शकों ने देखा है। महामारी की वजह से लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगने से आईपीएल के दर्शकों की तादाद में तेजी आई थी किंतु अब ऐसे हालात नहीं है। लोग यात्रा कर रहे हैं, कहीं खाने-पीने का लुत्फ उठाने और खरीदारी करने के लिए बाहर निकल रहे हैं, जिसकी वजह से टीवी के दर्शक कम हुए हैं।’
कुछ मीडिया एजेंसी के प्रमुखों का तर्क है कि ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के पहले हफ्ते की तुलना में दूसरे हफ्ते में अमूमन दर्शकों की तादाद घटती है क्योंकि तब तक इस स्पद्र्घा का शुरुआती जोश थोड़ा फीका होने लगता है। मुंबई की कंपनी व्हाइट रिवर्स मीडिया के सह संस्थापक और सीईओ श्रेणिक गांधी का कहना है, ‘दर्शक दूसरे हफ्ते तक सहज हो जाते हैं। इसी वजह से मैं दर्शकों की तादाद घटने से हैरान नहीं हूं। जब टूर्नामेंट सेमी-फाइनल और फाइनल के चरण में पहुंचेगा तब यह रफ्तार बढ़ेगी।’ लेकिन मीडिया योजनाकार और खरीदार स्वीकार करते हैं कि आईपीएल के मौजूदा संस्करण को मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) जैसी दिग्गज टीमों के खराब प्रदर्शन से निराशा हो रही है। ये टीमें लगभग हर बार फाइनल के पड़ाव तक पहुंचती रही हैं। मुंबई इंडियंस इस साल एक भी मैच नहीं जीत पाई है, जबकि सीएसके ने 16 अप्रैल तक केवल एक मैच जीता था। ब्रांड मूल्यांकन कंपनी क्रॉल के मुताबिक ब्रांड मूल्यांकन के लिहाज से मुंबई इंडियंस, सीएसके, रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर (आरसीबी) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की टीमें ही शीर्ष टीमों में शुमार हैं। रविवार को गुजरात टाइटंस और सीएसके की टक्कर से पहले गुजरात और लखनऊ जाइंट्स की नई टीमें आरसीबी तथा सनराइजर्स हैदराबाद के साथ 8-8 अंक लेकर शीर्ष में बनी हुई थीं। गुजरात का नेट रन रेट अपनी पतिस्पद्र्घी टीमों से बेहतर है। गांधी कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि इस साल टूर्नामेंट काफी दिलचस्प मोड़ पर है क्योंकि नई टीमें और गुजरात टाइटंस के हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’
कुछ एजेंसी अधिकारियों का कहना है कि इस साल टूर्नामेंट के पहले और दूसरे हफ्ते के दौरान दर्शकों की तादाद में एक-तिहाई तक की गिरावट का अगले टी-20 टूर्नामेंट और जून में होने वाली मीडिया अधिकार की नीलामी पर थोड़ा असर पड़ेगा। मैडिसन मीडिया ऐंड ओओएच के समूह सीईओ विक्रम सखूजा का कहना है, ‘आईपीएल के इस संस्करण का विज्ञापन दरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि डिज्नी-स्टार ने अधिकांश इन्वेंट्री का करार कर लिया था। मगर लीग के आगामी संस्करण पर इसका थोड़ा असर दिख सकता है। दर्शकों की तादाद लगातार घटने पर विज्ञापनदाता आईपीएल में निवेश करने के लिए थोड़ी सतर्कता से फैसला कर सकते हैं।’