facebookmetapixel
AI कंपनियों में निवेश की होड़: प्रोसस ने भारत में बढ़ाया अपना इन्वेस्टमेंट, अरिविहान और कोडकर्मा भी शामिलBalaji Wafers की 10% हिस्सेदारी खरीदने की होड़, कई दिग्गज PE फर्में दौड़ मेंडेरी सेक्टर पर अमेरिकी रुख में नरमी का संकेत, प्रीमियम चीज पर जोरदेश का स्मार्टफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ के पार, PLI स्कीम से भारत बना ग्लोबल मोबाइल हबसरकार का बड़ा कदम: डेटा सेंटर डेवलपर्स को 20 साल तक टैक्स छूट का प्रस्तावनिवेशकों के लिए अलर्ट: चांदी बेच मुनाफा कमाएं, साथ ही अपना पोर्टफोलियो भी दुरुस्त बनाएंPM मोदी बोले- ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशी निर्भरता घटानी होगी, आत्मनिर्भरता पर देना होगा जोरEditorial: E20 लक्ष्य समय से पहले हासिल, पर उठे सवाल; फूड बनाम फ्यूल की बहस तेजअमित शाह बोले- हिंदी को विज्ञान-न्यायपालिका की भाषा बनाना समय की जरूरत, बच्चों से मातृभाषा में बात करेंडिजिटल दौर में बदलती हिंदी: हिंग्लिश और जेनजी स्टाइल से बदल रही भाषा की परंपरा

रुपया गिरा, गोद से लुढ़केगा लैपटॉप

Last Updated- December 10, 2022 | 7:21 PM IST

रुपये की कीमत का गिरना लैपटॉप पर भारी पड़ रहा है। दरअसल पिछले साल रुपये की गड़बड़ी दो बार हार्डवेयर की कीमत बढ़वा चुकी है। 52 रुपये को छूने पर आमादा दिख रहे रुपये की वजह से एक बार फिर लैपटॉप और डेस्कटॉप के दाम बढ़ने की आशंका नजर आ रही है।
दरअसल भारत में असेंबल होने वाले कमोबेश सभी पर्सनल कंप्यूटर यानी लैपटाप तथा डेस्कटॉप में आयातित पुर्जे इस्तेमाल होते हैं। 

रुपये की कीमत में उतार चढ़ाव का सीधा असर इसी वजह से लैपटॉप, डेस्कटॉप, कीबोर्ड, स्क्रीन, सीपीयू, हार्ड डिस्क और माउस वगैरह पर पड़ता है। लैपटॉप में तो सभी पुर्जे आयातित होते हैं। इसलिए रुपये में कमजोरी का सबसे ज्यादा असर लैपटॉप पर पड़ता दिख रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी निर्माता संघ की मुख्य कार्य अधिकारी विन्नी मेहता कहती हैं, ‘तकनीक कुछ ही समय में पुरानी हो जाती है, इसी वजह से आम तौर पर हार्डवेयर की कीमतों में ज्यादा इजाफा नहीं होता। 

लेकिन अगर पिछले मार्च से अब तक की बात करें, तो रुपये की कीमत में 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इस कारोबार में मार्जिन वैसे भी कम है, इसलिए ऐसी गिरावट की मार झेलने में हम किसी भी हालत में सक्षम नहीं हैं।’
अगर इस साल 1 जनवरी से 6 मार्च तक के आंकड़े देखें, तो ही रुपये में 6.3 फीसदी की गिरावट दिखेगी। पिछले साल जब डॉलर की कीमत 48 रुपये के करीब थी, तब कीमतें बढ़ाई गई थीं। पहली बार कीमत मार्च में और दूसरी बार अक्टूबर में बढ़ाई गई थीं। एक बार फिर ऐसी ही जरूरत दिख रही है।
एचसीएल इन्फोसिस्टम्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) जॉर्ज पॉल और जेनिथ कंप्यूटर्स के राज सराफ मानते हैं कि जल्द ही कीमतें बढ़ सकती हैं। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कीमतों में इजाफा कब किया जाएगा।
बाजार के जानकारों की मानें, तो इसका खामियाजा लैपटॉप को ही भुगतना पड़ेगा। दूसरी ओर बिक्री के मामले में सुस्त डेस्कटॉप की रफ्तार तेज हो जाएगी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में डेस्कटॉप की बिक्री लैपटॉप के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ी है।
कीमतें कम होने पर पहली बार कंप्यूटर खरीदने वाला भी लैपटॉप खरीद लेता है, लेकिन विश्लेषकों की मानें, तो दाम बढ़ने के बाद उसका रुझान डेस्कटॉप की तरफ ही होगा।

First Published - March 8, 2009 | 11:00 PM IST

संबंधित पोस्ट