इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए मीडिया अधिकार पहली बार दो प्रसारण कंपनियों में पांच वर्षों के लिए बंट गए हैं। मंगलवार को डिज्नी प्लस हॉटस्टार केवल टेलीविजन के लिए मीडिया अधिकार हासिल करने में सफल रही। कंपनी के पास पहले टेलीविजन के साथ डिजिटल माध्यम के लिए भी मीडिया अधिकार थे। इससे भविष्य में ओवर-द-टॉप खंड में डिज्नी प्लस हॉटस्टार का दबदबा बरकरार रहने पर सवाल उठने लगे हैं।
डिजिटल माध्यम से मैचों के प्रसारण का अधिकार वायकॉम 18 को मिला है जो मुकेश अंबानी, उदय शंकर और जेम्स मड्रोक की कंपनी है। हालांकि इसके लिए वायकॉम 18 को 23,757 करोड़ रुपये की भारी कीमत अदा करनी पड़ी है। डिज्नी को टीवी प्रसारण अधिकारों के लिए इससे कम यानी 23,575 करोड रुपये ही देने पड़े हैं। आईपीएल के सभी मैचों के विशेष प्रसारण अधिकारों के लिए वायकॉम ने न केवल अगले पांच वर्षों के लिए 410 मैचों के मीडिया अधिकार खरीद लिए हैं बल्कि अलग से पेशकश किए जाने वाले 94 मैचों के प्रसारण अधिकार भी खरीद लिए हैं। इसके लिए कंपनी ने 3,258 करोड़ रुपये अदा किए हैं।
दोनों प्रसारण कंपनियों ने टीवी एवं डिजिटल दोनों खंडों के प्रसारण अधिकार खरीदने के बजाय एक-एक खंड के मीडिया अधिकार हासिल किए हैं। अब अहम सवाल यह उठता है कि इसके पीछे दोनों कंपनियों की क्या रणनीति रही है। यह स्पष्ट है कि डिज्नी ने सतर्कता के साथ कदम बढ़ाया है। नीलामी से पहले कंपनी के प्रबंधन ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे। मगर कई लोगों का मानना है कि केवल टेलीविजन तक सीमित रहने का निर्णय रणनीतिक रूप से गलत हो सकता है। डिजिटल अधिकारों के लिए अधिक रकम नहीं देना और इन्हें हाथ से जाने देना डिज्नी प्लस के लिए नुकसान का सौदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिज्नी की ओटीटी खंड में भुगतान कर कार्यक्रम देखने वाले उपभोक्ताओं में लगभग आधी हिस्सेदारी है। एक दूसरी प्रतिस्पर्धी चैनल कंपनी के अधिकारी ने कहा,’ डिज्नी प्लस हॉटस्टार सभी लिहाज से सबसे आगे थी। मगर आईपीएल मैचों के प्रसारण के डिजिटल अधिकार नहीं खरीदने के निर्णय से अंतरराष्ट्रीय ओटीटी खंड में भी डिज्नी की महत्त्वाकांक्षा पर असर होगा। डिजिटल अधिकार नहीं खरीदना इसलिए भी सही निर्णय नहीं लग रहा क्योंकि आईपीएल के टेलीविजन व्यूअर्स रेटिंग्स में लगातार कमी आ रही है।’
डिज्नी मानती है कि इस वर्ष की पहली तिमाही में डिज्नी प्लस ने 80 लाख नए उपभोक्ता जोड़े जिनमें आधे आईपीएल की वजह से भारत से आए। डिज्नी प्लस हॉटस्टार के भुगतान करने वाले उपभोक्ता ज्यादातर भारत से हैं। कंपनी के दुनिया भर में जितने स्ट्रीमिंग सबस्क्राइबर (अमेरिका और कनाडा को छोड़कर) हैं उनमें 36 प्रतिशत भारत से ताल्लुक रखते हैं। वित्त वर्ष 2022 तक डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने डिज्नी प्लस के जरिये 23-60 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंचने का एक बड़ा लक्ष्य तय किया है।
मगर सबसे बड़ी समस्या नफा नुकसान का गणित है। इस साल अप्रैल में डिज्नी प्लस हॉटस्टार से प्रति उपभोक्ता राजस्व 0.76 डॉलर रहा, जो अमेरिका में डिज्नी के कुल राजस्व का महज छठा हिस्सा है। इस लिहाज से आईपीएल के लिए एक बड़ी रकम का भुगतान करना नफा-नुकसान के लिहाज से मुश्किल होता। डिज्नी की चेयरमैन, इंटरनैशनल कंटेंट ऐंड ऑपरेशंस, रेबेका कैंपबेल नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने भारत आई थीं। उस समय उन्होंने कहा था,’ हमने दीर्घ अवधि के लाभ को ध्यान में रखते हुए एक संयमित बोली लगाई है। डिजिटल अधिकारों के लिए जरूरी रकम पर विचार करने के बाद हमने आगे कदम नहीं बढ़ाया।’
डिजिटल अधिकारों से पीछे हटने के बाद कैंपबेल का कहना है कि डिज्नी प्लस हॉटस्टार अपनी वास्तविक सामग्री तैयार करने पर अधिक जोर देगी। कम से कम ऐसे 100 कार्यक्रम तैयार हो रहे हैं और इनमें 80 कार्यक्रमों का प्रसारण इसी वित्त वर्ष हो जाएगा। अपनी वास्तविक सामग्री की बदौलत ही एमेजॉन प्राइम और नेटफि्लक्स भारत में भुगतान कर कार्यक्रम देखने वाले उपभोक्ताओं की एक बड़ी तादाद जोड़ने में सफल रही हैं। मगर यह रणनीति आईपीएल जितनी ही प्रभावी होगी इस बारे में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
इससे अच्छी तरह समझने के लिए कुछ आंकड़ों पर विचार करते हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार स्टार-डिज्नी-को 2022 के आईपीएल से विज्ञापन से 30 अरब रुपये (40 करोड़ रुपये प्रति मैच) राजस्व प्राप्त हुए और सबस्क्रिप्शन से 7.5 अरब रुपये (10 करोड़ रुपये प्रति मैच)आए। 2023-28 के लिए आईपीएल के प्रति मैच की दर से 57.5 करोड़ रुपये बोली का मतलब है कि प्रति मैच 61 करोड़ रुपये (प्रोडक्शन खर्च सहित) खर्च होंगे। कंपनी ने कहा कि उसे नफा न नुकसान की स्थिति में पहुंचने के लिए राजस्व 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत है। इसके प्रतिस्पर्धी चैनलों का कहना है कि टीवी विज्ञापन से प्राप्त होने वाले 40,000 करोड़ रुपये राजस्व में कंपनी की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने टीवी पर आईपीएल के विज्ञापन से 4,000 करोड़ रुपये अर्जित किए थे।
