शुक्रवार से तीन दिनों तक प्रमुख सरकारी अधिकारी बेंगलूरु में आयोजित होने वाले ‘सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस’ के दौरान दुनिया की शीर्ष सेमीकंडक्टर कंपनियों को यह समझाने पर जोर देंगे कि कैसे भारत सेमीकंडक्टर निर्माण एवं डिजाइन के संदर्भ में वैश्विक केंद्र बन सकता है और इस देश में उन्हें क्यों निवेश करना चाहिए।
इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाली कंपनियों में राजस्व के लिहाज से दूरी सबसे बड़ी चिप निर्माता इंटेल, दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट चिप निर्माता टीएसएमसी, और ग्लोबलफाउंड्रीज, टावर सेमीकंडक्टर्स और मेमरी चिप निर्माता माइक्रॉन टेक्नोलॉजी एवं वेस्टर्न डिजिटल शामिल हैं।
इस वर्चुअल एवं पारंपरिक कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकारें अपनी उन योजनाओं और रियायतों को प्रदर्शित करेंगी, जो उन्होंने यहां चिप एवं डिस्प्ले संयंत्र लगाने को इच्छुक कंपनियों को देने की योजना बनाई है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की वर्चुअल उपस्थिति सरकार के लिए इस आयोजन की महत्ता का संकेत देती है। मोदी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भारत में डिजाइन एवं निर्माण अवसर की रूपरेखा पेश करेंगे। सम्मेलन में शिक्षाविद, सामाजिक संस्थान, और उद्योग हस्तियां भागीदार हैं।
भारत को उम्मीद है कि इस सम्मेलन में इसके सेमीकॉन मिशन के लिए अब तक मिली प्रतिक्रिया के मुकाबले शानदार उत्साह दिखेगा। सेमीकॉन मिशन ने भारत में फैब्रिकेशन और डिस्प्ले संयंत्रों की स्थापना के लिए 76,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रियायतें मुहैया कराई हैं।
वैश्विक चिप निर्माताओं ने प्रस्तावों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है, लेकिन स्टरलाइट (डिस्प्ले और चिप निर्माण के लिए) और राजेश एक्सपोट्र्स (डिस्पले संयंत्रों के लिए) और नेक्स्ट ऑर्बिट वेंचर्स फंड के नेतृत्व वाली आईएसएमसी एनालॉग फैब जैसी कुछ कम चर्चित कंपनियों ने अपने प्रस्ताव सौंपे हैं।
कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत में प्रमुख चिप कंपनियों के लिए निवेश पर जोर दिया था।
इस सम्मेलन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित होंगे।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले अन्य उद्योग दिग्गजों में इंटेल फाउंड्री सर्विसेज के अध्यक्ष रंधीर ठाकुर कंपनी की रणनीति में बदलाव का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी टीएसएमसी के साथ अंतर कम करने पर जोर दे रहे हैं।
ठाकुर ओएसएटी कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के स्वतंत्र निदेशक भी हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिये समूह अपना प्रवेश सेमीकंडक्टर खंड में कर रहा है। कंपनी का प्रतिनिधित्व अमेरिका में स्थित कार्यकारी उपाध्यक्ष राजा एम कोडूरी एवं उसके भारत में कंट्री हेड निवृति राय द्वारा भी किया जाएगा।
मेमोरी चिप निर्माता माइक्रॉन टेक्नोलॉजी के वैश्विक मामलों के मुख्य कार्याधिकारी संजय मेहरोत्रा भी वक्ताओं में शामिल हैं। कंपनी की यहां पहले से ही अच्छी उपस्थिति है। मेहरोत्रा द्वारा मिलकर फ्लैश मेमोरी स्टोरेज कंपनी सैनडिस्क की स्थापना की गई थी और और वे वर्ष 2016 में इसे बेचे जाने तक इसके अध्यक्ष थे।
इस सम्मेलन में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और तेलंगाना के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
