केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को शुक्रवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। सूत्रों के मुताबिक यह कदम उनके अकाउंट से तीन वर्ष पहले किए गए एक ट्वीट में कॉपीराइट का उल्लंघन होने के कारण उठाया गया।
प्रसाद ने कहा कि ट्विटर ने उनके अकाउंट को अस्थायी रूप से बंद किया और ऐसा करके उसने उनके मंत्रालय के नए आईटी नियमों का उल्लंघन किया है। उधर, कांग्रेस सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने इस विषय पर कहा कि समिति इस मसले पर ट्विटर इंडिया से सवाल-जवाब करेगी।
प्रसाद ने ट्विटर पर ही जानकारी दी, ‘मित्रों! आज अत्यधिक अजीब घटना हुई। ट्विटर ने करीब एक घंटे तक मेरा अकाउंट बंद रखा। इसके लिए अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (डीएमसीए) के कथित उल्लंघन को वजह बताया गया। बाद में मेरा अकाउंट बहाल कर दिया गया।’ प्रसाद ने कहा कि ट्विटर का यह कदम सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के नियम 4(8) का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्विटर ने उनके अकाउंट के अधिकार छीनने से पहले उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया।
प्रसाद ने कहा कि उन्होंने ट्विटर के मनमाने व्यवहार को लेकर जो वक्तव्य दिए और टेलीविजन चैनलों को दिए अपने साक्षात्कारों की जो क्लिप ट्विटर पर शेयर कीं वह कंपनी को रास नहीं आईं। हालांकि सूत्रों ने कहा कि जिस ट्वीट पर कदम उठाया गया वह दिसंबर 2017 का है और उसमें संगीतकार ए आर रहमान के लोकप्रिय गीत ‘मां तुझे सलाम’ का वीडियो या संगीत इस्तेमाल किया गया था।
इस पर ट्विटर के प्रवक्ता ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि माननीय मंत्री का अकाउंट अस्थायी रूप से सीमित किया गया था क्योंकि उसके खिलाफ डीएमसीए का नोटिस था और संबंधित ट्वीट को रोक दिया गया है। हमारी कॉपीराइट नीति के मुताबिक हमने कॉपीराइट को लेकर एक वैध शिकायत पर प्रतिक्रिया दी। यह शिकायत कॉपीराइट के मालिक अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि की ओर से आई थी।’
डीएमसीए अमेरिका का एक कॉपीराइट कानून है जिसका इस्तेमाल तस्वीर, सेवा, संपत्ति, आदि के कॉपीराइट के दुरुपयोग के मामलों में किया जाता है।
प्रसाद ने जिस नए नियम का जिक्र किया उसके मुताबिक किसी अकाउंट से सामग्री हटाने के पहले पूर्व सूचना देनी होगी। मंत्री ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा संस्थान क्या करता है। उन्हें नए आईटी नियमों का पूरा पालन करना होगा और इस विषय पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’
