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पीएमओ से स्पेक्ट्रम विवाद में हस्तक्षेप की मांग

Last Updated- December 06, 2022 | 11:43 PM IST

तीसरी पीढ़ी की दूरसंचार सेवा (3जी) के लिए स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ विवाद के बीच दूरसंचार विभाग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप की मांग की है।


दूरसंचार विभाग ने इस मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्रालय के साथ एक बैठक की मांग की है। समझा जाता है कि दूरसंचार सचिव सिध्दार्थ बेहुरा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय, दूरसंचार विभाग, दूरसंचार नियामक ट्राई और वित्त सचिव शामिल होंगे।


इस बैठक के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन और मूल्य निर्धारण को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने की कवायद की जाएगी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग कुछ मुद्दों को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ वार्ता की प्रक्रिया में है, जो मुद्दे थ्री जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए दिशानिर्देश और टू-जी स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण से संबंधित है।


दूरसंचार विभाग ने यह भी सलाह दी है कि चूंकि इस मामले में ट्राई की सिफारिशें शामिल हैं, इसलिए नियामक के अध्यक्ष को भी इस बैठक में बुलाया जा सकता है। दूरसंचार विभाग और ट्राई के बीच विवाद उभरने के बाद थ्री-जी स्पेक्ट्रम का मुद्दा गर्म हो गया ।


जहां ट्राई ने थ्री-जी नीलामी के लिए केवल मौजूदा परिचालकों को अनुमति देने का पक्ष लिया है। ट्राई ने इस बात पर जोर दिया है कि बोली लगाने वाली वैश्विक कंपनियों को बाहर छोड़ते हुए थ्री-जी नीलामी को मौजूदा यूनिवर्सल एक्सेस सर्विस के लाइसेंसधारकों तक सीमित किया जाए जिस प्रस्ताव का दूरसंचार विभाग और वित्त मंत्रालय दोनों ने विरोध किया है।

First Published - May 15, 2008 | 10:33 PM IST

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