facebookmetapixel
₹30,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर! Realty Stock पर निवेशक टूट पड़े, 4.5% उछला शेयरG-7 पर ट्रंप बना रहे दबाव, रूसी तेल खरीद को लेकर भारत-चीन पर लगाए ज्यादा टैरिफ10 मिनट डिलीवरी में क्या Amazon दे पाएगी Blinkit, Swiggy को टक्कर? जानें ब्रोकरेज की रायसी पी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर ली शपथSBI, Canara Bank समेत इन 5 स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउट! 24% तक मिल सकता है रिटर्नInfosys buyback: 5 दिन में मार्केट कैप ₹40,000 करोड़ बढ़ा, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, ₹1,880 जाएगा भावबड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?

जुर्माने से नाखुश आपरेटर

Last Updated- December 05, 2022 | 4:45 PM IST

अनचाही कॉल आने पर भारी जुर्माना करने की भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिश पर मोबाइल सेवा प्रदाता खासे नाखुश हैं। उनका कहना है कि इस तरह का जुर्माना उद्योग के लिए गैरजरूरी और नुकसानदेह है।


दूरसंचार नियामक को लिखे गए एक पत्र में ऑपरेटरों ने कहा है,  इस तरह के जुर्माने से उन्हें बहुत निराशा हो रही है। सेवा प्रदाताओं पर संबंधित अधिकारियों को यह अर्थदंड नहीं लगाना चाहिए। ज्यादातर व्यावसायिक कॉलें टेलीमार्के टिंग एजेंसियों द्वारा की जाती हैं, जिस पर सेवा प्रदाताओं का नाम मात्र का या बिल्कुल नियंत्रण नहीं होता है।


यह पत्र संयुक्त रूप से जीएसएम और सीडीएमए ऑपरेटर्स एसोसिएशन- सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) और एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड सर्विस प्रोवाइडर ऑफ इंडिया (एयूएसपीआई) ने लिखा है। संगठनों ने कहा है कि सेवा प्रदाताओं के पास कोई रास्ता नहीं है, जिससे वे टेलीमार्केटिंग करने वालों को रोक सकें। इनको बिक्री के लिए कॉल करने का सही तरीका अपनाने के लिए उपभोक्ताओं की कोई लिस्ट नहीं दी जाती है।


सेवा प्रदाताओं की सारी कोशिशों के बावजूद केवल 13,600 टेली मार्केटर ही रजिस्टर्ड हुए हैं। गैर पंजीकृत टेलीमार्केटरों की संख्या 75,000 से ज्यादा आती है। पत्र में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को तंग किए जाने के लिए टेलीमार्केटरों पर नियंत्रण लगाए जाने की जरूरत है। इसके लिए मोबाइल सेवा प्रदाताओं पर जुर्माना लगाने से समस्या का कोई समाधान नहीं निकलेगा।


 इसके  लिए मोबाइल ऑपरेटर कहीं से भी जिम्मेदार नहीं है। इस फैसले से पूरे उद्योग जगत में निराशा आई है। जबसे यह वक्तव्य आया है कि,  हम लीक से हटकर भी इस समस्या से निजात पाना चाहते हैं। हम सभी क दम उठा रहे हैं जिससे अनचाही व्यावसायिक कॉल करने वालों पर नियंत्रण लग सके।


एसोसिएशन ने यह भी इंगित किया है कि उनके सदस्य एक 4 अंकों का संयुक्त नंबर जारी करेंगे (1909 जिसे एनडीएनसी में पंजीकृत कराया जाएगा)। सोमवार को ट्राई ने क हा था कि अगर अवांछित कॉलें आती हैं तो ऑपरेटरों पर 20,000 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।


 कोई भी टेलीकाम सेवा प्रदाता अगर नियमों और प्रावधानों का पालन नहीं करता है तो उस पर पहले 5,000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। अगर वही गलती फिर से दोहराई जाती है तो जुर्माना 20,000 रुपये तक हो सकता है। इस संशोधन के पहले दूरसंचार नियामक ने कहा था कि टेलीकॉम कंपनियों पर 500 रुपये का समान जुर्माना लगे।

First Published - March 19, 2008 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट