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अब पीएसयू की बारी

Last Updated- December 05, 2022 | 5:11 PM IST

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) की 240 कंपनियों के 16 लाख कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलने की उम्मीद है। जनवरी 2006 से उनके वेतन में 50 से 60 प्रतिशत बढ़ोतरी होने की संभावना है।


सार्वजनिक उपक्रमों की पे रिवीजन कमेटी की तैयारियां अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी और उसके बाद तत्काल उसे सरकार को सौंप दिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव हैं।


समिति से जुड़े सूत्रों ने बताया  कि  रिपोर्ट के दो अध्याय पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। समिति के एक सदस्य ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि पीएसयू के वेतन की तुलना सरकार के वेतनमानों से नहीं की जा सकती है। इनको निजी क्षेत्र की कंपनियों से प्रतियोगिता करनी होती है और वहां पर पहले से ही वेतन बहुत ज्यादा है।


उन्होंने कहा, ‘छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि सार्वजनिक उपक्रमों के वेतन को सरकार के वेतनमान से नहीं जोड़ा जा सकता। हम हालात के मुताबिक ही बात कर रहे हैं।’ सार्वजनिक उपक्रम वेतन में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और हम उनकी हर मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहे हैं।


सार्वजनिक उपक्रम में निदेशक पद पर काम कर रहे एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछली बार जब 1997 में सार्वजनिक उपक्रमों के वेतनमान को पुनरीक्षित किया गया था तो कुछ वेतनमानों में 68 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की गई थी। इस बार हम उम्मीद करते हैं कि कम से कम 55-60 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, क्योंकि सार्वजनिक उपक्रम कुल मिलाकर लाभ में चल रहे हैं।’


इस बढ़ोतरी के बाद अनुसूची-ए के चेयरमैन (इसमें नवरत्न समूह जैसे ओएनजीसी, इंडियन आयल, एनटीपीसी और अन्य कंपनियों के अधिकारी, जो केंद्रीय पीएसयू में आते हैं) का वेतन बढ़कर 20 लाख रुपये सालाना हो सकता है। इस समय इन अधिकारियों का कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी) वेतन 12-14 लाख रुपये प्रतिमाह है। यह वेतन आयोग के अतिरिक्त सचिव के नए वेतनमान से बहुत ज्यादा है।


सार्वजनिक उपक्रमों के निचले स्तर का वेतनमान वर्तमान के 22,000 सीटीसी से बढ़कर 33,000 रुपये प्रतिमाह हो सकता है। नवंबर 2006 में बनी इस समिति को रिपोर्ट देने के लिए 18 माह का वक्त दिया गया था। समिति में सदस्य के रूप में बोर्ड फॉर रिकंस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के चेयरमैन नीतीश सेनगुप्त, कोयला विभाग के पूर्व सचिव पीसी पारेख, मारुति उद्योग लिमिटेड के पूर्व निदेशक और पब्लिक इंटरप्राइजेज सलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन आरएसएसएलएन भास्करुडू शामिल हैं।

First Published - March 27, 2008 | 10:54 PM IST

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