जेरी यांग
याहू, सह-संस्थापक
‘मेरी राय में, आपको माइक्रोसॉफ्ट को फिर से वार्ता की मेज पर वापस लाने के लिए जेरी और बोर्ड के कुछ हिस्से से छुटकारा पाना होगा।’
यह बात इस साल माइक्रोसॉफ्ट की पेशकश को याहू के मुख्य कार्याधिकारी जेरी यांग की ओर से ठुकरा दिए जाने के बाद याहू के एक शेयरधारक कार्ल इकॉन ने न्यूयार्क टाइम्स अखबार को कही थी।
याहू के सह-संस्थापक और अब कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके जेरी यांग ने माइक्रोसॉफ्ट की उस पेशकश को ठुकरा दिया था, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट ने याहू को अपनी झोली में डालने के लिए 33 डॉलर प्रति शेयर की पेशकश की थी।
तब से इस प्रमुख इंटरनेट कंपनी के शेयर आधे से कुछ कम गिर गए हैं। इधर गूगल ने भी याहू के साथ कमर्शियल सर्च एडवर्टाइजिंग पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है। लेकिन यांग की ओर से याहू के मुख्य कार्याधिकारी पद को अलविदा कहने की घोषणा से कंपनी के शेयरों में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आ गया।
इस घोषणा के एक दिन बाद नैस्डैक पर इसका शेयर 9 फीसदी की बढ़त के साथ करीब 11.55 डॉलर पर बंद हुआ। जून, 2007 में याहू के मुख्य कार्याधिकारी की कमान संभालने वाले यांग ने कहा है कि जब तक नए सीईओ की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक वह इस पद पर बने रहेंगे।
13 वर्ष पहले (गूगल से 3 वर्ष पहले) स्थापित हुई यह कंपनी अब इंटरनेट सर्च की प्रमुख कंपनी से बहुत पिछड़ गई है। स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के दौरान यांग ने अप्रैल 1994 में डेविड फिलो के साथ मिल कर एक इंटरनेट वेबसाइट तैयार की।
‘जेरीज गाइड टु द वर्ल्ड वाइड वेब’ नामक इस वेबसाइट में अन्य वेबसाइटों की डाइरेक्टरी तैयार की गई थी। यह बाद में बदल कर ‘याहू!’ कर दिया गया और यह नाम बेहद लोकप्रिय हो गया।
याहू के उद्धाटन के लिए मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शम्मी कपूर को बुलाया गया था। इसकी एक प्रमुख वजह यह थी शम्मी कपूर ने ‘जंगली’ फिल्म में एक गाने में ‘याहू’ शब्द को लोकप्रिय बनाया था। यांग और फिलो ने कारोबारी संभावनाओं को महसूस किया और अप्रैल 1995 में याहू इंक की सह-स्थापना की।
लेकिन कंपनी के विकास की कहानी लंबे समय तक कायम नहीं रह सकी। यांग नहीं चाहते थे कि वे अपने कर्मियों को नराज करें। उन्होंने कठोर फैसले लेने के बजाय कर्मचारियों की आम सहमति पर जोर दिया जिसका उल्टा असर हुआ। यांग की विफलताएं शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं रही। वह चीन के पत्रकार शी ताओ की गिरफ्तारी के दौरान याहू की भूमिका को लेकर भी आलोचनाओं के घेरे में आ गए।
चीन में ताओ ने एक लोकतंत्र समर्थक वेबसाइट को सूचित करने के लिए याहू की ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया था। चीन सरकार ने चीनी मीडिया को 1989 के थ्यान अन मन चौक कांड की 4 जून को 15वीं वर्षगांठ को कवर नहीं करने का आदेश दिया था।
इसे लेकर यांग पर दबाव बढ़ता गया और उन्हें चीन में ताओ और अन्य पत्रकारों की गिरफ्तारी में अपनी भूमिका को लेकर याहू की टिप्पणी के लिए वाशिंगटन में तलब किया गया था। याहू ने नवंबर 2007 में प्रभावित चीनी असंतुष्टों को मुआवजा चुका कर मामले को निपटाया।
वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक याहू बोर्ड अब एक बड़ा बदलाव लाने के लिए ‘जेरी-विरोधी’ की तलाश कर रहा है। बोर्ड ऐसे अधिकारियों की तलाश करेगा जो न सिर्फ विचारक हों बल्कि मजबूत संचालन कौशल से भी लैस हों।
ये अधिकारी हाईटेक और मीडिया जगत से जुड़ी प्रमुख हस्ती हो सकते हैं। गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिट आर्मस्ट्रॉन्ग और न्यूज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष पीटर चेरनिन के नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।