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नेट सर्फिंग सीखो भइया 125 रुपइया

Last Updated- December 10, 2022 | 2:07 AM IST

इंटरनेट के ककहरे से अंजान भारतीयों को अब महज 125 रुपये में सर्फिंग सीखने का मौका हाथ लग रहा है। सर्फिंग की यह पाठशाला होगी देश भर में सिफी के 2,000 से भी ज्यादा साइबर कैफे में।
10 घंटे का कोर्स पूरा करने वालों को नैशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई)और सिफी टेक्नोलॉजिज की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। 

यह कोर्स एनआईएक्सआई और सिफी टेक्नोलॉजिज ने कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। इस कोर्स का मकसद खास तौर से उन लोगों को इंटरनेट से रूबरू कराना है जिनके पास अपना खुद का कंप्यूटर नहीं है।
शुरुआत में इस कोर्स की अवधि 7 घंटे और फीस 250 रुपये तक की गई थी। लेकिन, गैर लाभकारी संस्था एनआईएक्सआई ने इस फीस में आधे की छूट देकर इसे 125 रुपये कर दिया तो सिफी ने कोर्स की अवधि को तीन घंटे बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया है। 
एनआईएक्सआई इस साल के आखिर तक इस योजना का दायरा बढ़ाकर एक लाख लोगों तक करने की सोच रही है। 

एनआईएक्सआई के अतिरिक्त सीईओ राजेश अग्रवाल कहते हैं, ‘हम इसके लिए कई दूसरी कंपनियों और गैर सरकारी संस्थाओं(एनजीओ) के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ उनका मानना है कि इससे इंटरनेट के बारे में जानने की इच्छा रखने वाले साधारण लोगों को बहुत मदद मिलेगी।
इस बात को समझना बेहद आसान है। देश की आबादी एक अरब से ज्यादा है लेकिन कंप्यूटर केवल 3.6 करोड़ हैं। इन कंप्यूटरों में से भी ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में हैं और सभी इंटरनेट से जुड़े हुए नहीं हैं।
 
वहीं, देश में केवल 1,80,000 साइबर कैफे हैं जिनमें औसतन छह से सात कंप्यूटर होते हैं और इंटरनेट की रफ्तार पर औसत सी ही होती है।
ये साइबर कैफे एक दिन में औसतन 10 से 12 घंटे तक ही खुले होते हैं। इस लिहाज से देश का बड़ा तबका इंटरनेट की पहुंच से बाहर है। सिफी टेक्नोलॉजिज के अध्यक्ष(कंज्यूमर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड ऑपरेशंस) नरेश अजवाणी कहते हैं, ‘जो लोग अभी तक इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए यह योजना बहुत फायदेमंद साबित होगी।’
सिफी के फ्रेंचाइजी इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वह अपने इलाकों में ऐसे लोगों के बारे में बखूबी जानते होंगे। 

सिफी, साइबर कैफे में पोस्टरों के जरिये इस योजना का काफी प्रचार कर रही है। इसमें फ्रेंचाइजी को कमाई का 70 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा जिससे वे  इस योजना में जीजान से जुटे रहें और  ढिलाई न बरतें।
इसके अलावा इसमें महिलाओं और पुरुषों की बराबर भागीदारी की योजना भी बनाई जा रही है। साथ ही, क्षेत्रीय भाषाओं में भी कुछ सामग्री तैयार कराना भी सिफी के एजेंडे में शामिल है। 

एनआईएक्सआई, पहले से ही इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमआईए) के साथ मिलकर शहरी और ग्रामीण स्कूलों में ‘स्मार्ट एंड सेफ सर्फिंग’ नाम का कार्यक्रम चला रही है।
महज दस घंटे का होगा कोर्स, पहले अवधि रखी गई थी कुल 7 घंटे

शुरुआत में फीस थी 250 रुपये, बाद में घटाकर  की गई 125 रुपये

सरकार की ओर से दिया जाएगा सर्टिफिकेट 

क्षेत्रीय भाषाओं में भी दिया जाएगा इंटरनेट ज्ञान

फ्रेंचाइजी निभाएंगे अहम भूमिका

First Published - February 24, 2009 | 12:05 AM IST

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