facebookmetapixel
Aadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारीपीयूष गोयल फरवरी में कनाडा जा सकते हैं, व्यापार समझौते पर फिर होगी बातचीतसीपीएसई ने वित्त वर्ष 2025 में CSR पर 31% अधिक खर्च किया

विलय और अधिग्रहण सौदों में आईटी का हिस्सा दोगुना हुआ

Last Updated- December 10, 2022 | 1:00 AM IST

कैंलेंडर वर्ष 2008 के दौरान जिन कंपनियों का विलय और अधिग्रहण हुआ, उनमें आईटी कंपनियों की हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई।
2007 में विलय और अधिग्रहण सौदों में आईटी कंपनियों की हिस्सेदारी जहां 6 फीसदी थी, वहीं 2008 में यह बढ़कर 11 फीसदी हो गई। 2008 के बड़े सौदों में एचसीएल-एक्सॉन, टीसीएस-सीजीएसएल और वाईएनएस-अवीवा प्रमुख हैं।
बीएमआर एडवाइजर्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 में कुल 3.4 अरब डॉलर (करीब 16,300 करोड़ रुपये) का सौदा हुआ। मालूम हो कि 2007 में 2.9 अरब डॉलर (14,000 करोड़ रुपये) का विलय-अधिग्रहण हुआ था।
बहरहाल विलय और अधिग्रहण की यह प्रक्रिया वर्ष 2009 में भी जारी रहने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार, इस क्षेत्र के इस साल तरक्की करने की पूरी उम्मीद है। मजेदार बात यह कि विलय और अधिग्रहण के सौदों में कमी हुई है लेकिन मूल्य के लिहाज से करार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, विलय और अधिग्रहण के मौजूदा सौदे काफी सोच-समझकर किए जा रहे हैं। ये चुनिंदा, रणनीतिक और ज्यादा महत्वपूर्ण सौदे हैं। इसमें बताया गया कि 2007 की तुलना में 2008 में विलय और अधिग्रहण के बाहरी सौदों का प्रतिशत मूल्य के लिहाज से 81 फीसदी से घटकर 67 फीसदी रह गया।
वहीं घरेलू सौदों की हिस्सेदारी 13 की बजाय 23 फीसदी रह गई है। 2009 के बारे में अनुमान है कि आईटी कंपनियों के विलय और अधिग्रहण से इसका नए इलाके में विस्तार होगा और नए ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी। इन दोनों वजहों से इसकी प्रक्रिया तेज होगी।
विश्लेषकों की राय में, रणनीतिक गठजोड़ और आंशिक अधिग्रहण के जरिए आईटी कंपनियों के लिए मुनाफा कमाने की चाह से विलय और अधिग्रहण की प्रक्रिया को बढ़ावा मिल रहा है। एक बात और कि कई छोटी कंपनियों की वित्तीय हालत इस वक्त बढ़िया नहीं है।
बीपीओ की बात करें तो इसमें ध्यान धन और प्रशासन पर बना रहेगा। खरीद आउटसोर्सिंग (पीओ) में इस साल तेजी आने का अनुमान है। इस साल कई अच्छी परियोजना शुरू होने का भी अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर छोटे अनुबंध होने पर भी वे चर्चा में नहीं आ पाते, जबकि कुछ बड़े करार अखबारों की सुर्खियों में छा जाते हैं। बीएमआर एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक बॉबी पारिख का अनुमान है कि 2009 की दूसरी तिमाही में विलय और अधिग्रहण के सौदों में तेजी आएगी। उसने बताया कि मंदी के बावजूद मूल्य के लिहाज से बडे क़रार आगे भी होते रहेंगे।

First Published - February 13, 2009 | 7:00 PM IST

संबंधित पोस्ट