IT Sector Q2 Preview: आईटी कंपनियों के नतीजों के साथ शेयर बाजार में इस हफ्ते से रिजल्ट सीजन शुरू हो रहा है। ट्रंप टैरिफ, जियोपॉलिटिकल टेंशन, एआई से मची उथल-पुथल और कमजोर वैश्विक मांग का असर बीते कुछ महीनों से भारतीय आईटी कंपनियों पर देखने को मिला। टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो जैसे दिग्गज आईटी शेयर पिछली एक तिमाही में क्रमश: 17 फीसदी, 8 प्रतिशत, 10 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। वैश्विक स्तर पर आईटी कंपनियों लेकर डिमांड में सुस्ती देखी जा रही है। घरेलू स्तर पर आईटी सेक्टर की कंपनियां शॉर्ट टर्म में अमेरिकी टैरिफ और एच1 बी वीजा नियमों में पाबंदी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
इस स्थिति के बीच ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन मिलाजुला रह सकता है। इससे पिछली तिमाही में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन नरम या उम्मीद से कमजोर रहा था। इस तिमाही में आईटी सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है या मामूली वृद्धि देखने को मिल सकती है।
इस बीच, सोमवार को आईटी शेयरों (IT Stocks) में तेजी का रुझान दिखाई दिया। आईटी इंडेक्स (IT Index) कारोबारी सेशन में 2.5 फीसदी उछलकर बंद हुआ। दिग्गज आईटी शेयरों में टीसीएस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर रहे।
Axis Securities
एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार, आईटी सर्विस सेक्टर दूसरी तिमाही में मामूली वृद्धि दिखा सकता है। इसकी वजह सीमित मांग, स्थिर डील पाइपलाइन और आर्थिक अनिश्चितता है। वहीं, ट्रंप टैरिफ, H1-B वीजा से जुडी पाबंदियां और यूएस हायर (US HIRE) बिल जैसी नीतियां भी असर डाल रही हैं।
ब्रोकरेज ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता के कारण कंपनियों ने आईटी बजट में कटौती की है। बड़ी कंपनियां अब लागत कम करने पर फोकस कर रही हैं। इससे कॉस्ट-कटिंग डील्स, वेंडर कंसोलिडेशन और कम हेडकाउंट के ट्रेंड दिख रहे हैं।
Centrum Broking
सेंट्रम ब्रोकिंग का कहना है कि आईटी कंपनियों की ऑपरेशन परफॉर्मेंस वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कमजोर रह सकती है। इसका मुख्य कारण अप्रैल 2025 में अमेरिकी सरकार की तरफ से घोषित टैरिफ से जुड़ी आर्थिक अनिश्चितता है। हालांकि, बीएफएसआई (BFSI) और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में डिस्क्रिशनरी तकनीकी खर्चों में कुछ सुधार देखने को मिला है। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव, कम्युनिकेशन और रिटेल जैसे सेक्टर्स अभी भी कमजोर स्थिति में हैं।
ब्रोकरेज ने कहा, ”ग्राहक सतर्क बने हुए हैं। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया लंबी हो रही है। कंपनियां हाल ही में साइन हुई डील्स को लागू करने पर ध्यान दे रही हैं, जो ज्यादातर लागत में कटौती और वेंडर कंसोलिडेशन पर केंद्रित हैं।”
स्टॉक्स पर नजरिया
सेंट्रम ब्रोकिंग ने आईटी शेयरों पर अपनी पहले की रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज का कहना है कि टियर 1 आईटी कंपनियों में इन्फोसिस और टीसीएस पपसंद हैं। जबकि टियर 2 आईटी कंपनियों में हमारी पसंद कोफोर्ज, LTIMindtree और पर्सिस्टेंट हैं।
कंपनी का नाम | रेटिंग | टारगेट प्राइस (रु.) |
---|---|---|
टीसीएस (TCS) | BUY | 4,270 |
इन्फोसिस (Infosys) | BUY | 1,942 |
एचसीएल टेक्नोलॉजीज | NEUTRAL | 1,743 |
विप्रो (Wipro) | NEUTRAL | 270 |
टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) | BUY | 1,821 |
एलटीआई माइंडट्री (LTIMindtree) | BUY | 6,273 |
एल एंड टी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (L&T Technology Serv.) | NEUTRAL | 4,486 |
एमफैसिस (Mphasis) | NEUTRAL | 2,778 |
कोफोर्ज (Coforge) | BUY | 2,122 |
पर्सिस्टेंट (Persistent) | BUY | 7,180 |
हैप्पिएस्ट माइंड्स (Happiest Minds) | BUY | 696 |
सोर्स: सेंट्रम ब्रोकिंग, 05 अक्टूबर 2025 तक
कंपनी | राजस्व (₹ मिलियन) | QoQ % | YoY % | EBIT (₹ मिलियन) | EBIT QoQ % | EBIT YoY % | EBIT मार्जिन % | मार्जिन QoQ (bps) | मार्जिन YoY (bps) | PAT (₹ मिलियन) | PAT QoQ % | PAT YoY % |
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टीसीएस (TCS) | 6,54,182 | 3.1% | 1.8% | 1,61,583 | 4.2% | 4.5% | 24.7% | 24 | 63 | 1,28,723 | 0.9% | 8.1% |
इन्फोसिस (INFO) | 4,37,719 | 3.5% | 6.8% | 92,698 | 5.3% | 7.2% | 21.2% | 35 | 7 | 72,386 | 4.6% | 11.3% |
एचसीएल टेक (HCLT) | 3,13,739 | 3.4% | 8.7% | 52,083 | 5.4% | -2.9% | 16.6% | 31 | -197 | 40,487 | 5.4% | -4.4% |
विप्रो (WPRO) | 2,27,467 | 2.8% | 2.0% | 35,940 | 1.1% | -4.3% | 15.8% | -25 | -103 | 32,593 | -2.3% | 1.6% |
टेक महिंद्रा (TECHM) | 1,37,325 | 2.9% | 3.1% | 15,792 | 6.9% | 23.3% | 11.5% | 43 | 188 | 12,760 | 11.9% | 2.1% |
एलटीआई माइंडट्री (LTIM) | 1,02,774 | 4.4% | 9.0% | 15,211 | 8.1% | 4.3% | 14.8% | 50 | -65 | 13,495 | 7.6% | 7.8% |
एलटीटी सर्विसेज (LTTS) | 29,704 | 3.6% | 15.4% | 4,010 | 5.2% | 3.4% | 13.5% | 19 | -156 | 3,219 | 2.0% | 0.7% |
एमफैसिस (MPHL) | 38,772 | 3.9% | 9.6% | 5,971 | 4.6% | 9.7% | 15.4% | 10 | 0 | 4,613 | 4.4% | 9.0% |
कोफोर्ज (COFORGE) | 39,997 | 8.4% | 30.6% | 5,480 | 12.8% | 52.3% | 13.7% | 52 | 195 | 3,347 | 35.5% | 65.5% |
पर्सिस्टेंट (PSYS) | 35,237 | 5.7% | 21.6% | 5,532 | 6.8% | 36.2% | 15.7% | 16 | 167 | 4,433 | 4.3% | 36.4% |
हैप्पिएस्ट माइंड्स (HAPPIESTMN) | 5,683 | 3.3% | 8.9% | 682 | -3.6% | 3.0% | 12.0% | -85 | -69 | 562 | -1.6% | 13.6% |
च्वाइस इक्विटीज का कहना है कि वैश्विक स्तर पर आईटी सर्विस कंपनियां एआई पर तेजी से आगे बढ़ रही है। साथ ही अपनी पुराने इकोसिस्टम को आधुनिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। यह ट्रेंड शॉर्ट टर्म में उनकी मांग को बढ़ावा देगी। इसमें वेंडर कंसोलिडेशन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफॉर्मेशन के अवसर अहम रोल निभाएंगे।
ब्रोकरेज का कहना है कि अमेरिकी फेड गवर्नर के हाल ही में घोषित ब्याज दरों में कटौती के संकेत बेहतर कंज्यूमर बजट रिलीज के लिए सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से नए H-1B वीजा आवेदनों पर लगाए गए 1,00,000 डॉलर के एक बार शुल्क ने इस सेक्टर के शॉर्ट टर्म आउटलुक पर बड़ी बाधाएं पैदा कर दी हैं। इससे ग्राहकों के निर्णय लेने में और देरी होगी क्योंकि निकट भविष्य की स्थिति और अनिश्चित हो जाएगी।
च्वाइस इक्विटीज का मानना है कि भारतीय आईटी कंपनियों (आईटी सर्विसेज और ER&D दोनों) की जिम्मेदारी है। उन्हें H-1B शुल्क बढ़ोतरी से होने वाली ऑपरेशनल लागत को संभालना होगा या इसका भार ग्राहकों पर डालना होगा। इसके अलावा एक और रास्ता ये है कि उन्हें अपना बिजनेस मॉडल बदलना होगा। जिससे कि वे भविष्य के नियामक बदलावों से प्रभावित न हों।
कंपनी | करंट प्राइस(₹) | टारगेट प्राइस | रेटिंग |
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कोफोर्ज (COFORGE) | 1,614 | 1,930 | खरीदें (BUY) |
डेटामैटिक्स ग्लोबल (DATA) | 889 | 940 | कम करें (REDUCE) |
हैप्पिएस्ट माइंड्स (HAPPSTMN) | 525 | 730 | खरीदें (BUY) |
एचसीएल टेक (HCLT) | 1,392 | 1,685 | जोड़ें (ADD) |
इन्फोसिस (INFO) | 1,445 | 1,810 | खरीदें (BUY) |
एलटीआई माइंडट्री (LTIM) | 5,117 | 5,360 | कम करें (REDUCE) |
एमफैसिस (MPHL) | 2,737 | 2,935 | जोड़ें (ADD) |
पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (PSYS) | 5,072 | 6,050 | जोड़ें (ADD) |
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) | 2,903 | 3,950 | खरीदें (BUY) |
टेक महिंद्रा (TECHM) | 1,398 | 1,931 | खरीदें (BUY) |
विप्रो (WPRO) | 241 | 252 | कम करें (REDUCE) |
जेनसार टेक (ZENT) | 762 | 1,130 | खरीदें (BUY) |
आईटी कंपनियों के शेयरों में हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (6 अक्टूबर) को हलचल देखने को मिली और एलएंडटी माइंडट्री समेत टीसीएस जैसी आईटी कंपनियों के शेयर 3 फीसदी तक चढ़ गए। आईटी शेयरों में यह हलचल 2025-26 की दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू होने के चलते देखने को मिली। शेयर कीमतों में इस तेज बढ़त की वजह से निफ्टी आईटी इंडेक्स लगभग 2 प्रतिशत चढ़ गया और सबसे बड़ा सेक्टोरल गेनर बनकर उभरा।
सोमवार के ट्रेडिंग सेशन में आईटी इंडेक्स (IT Index) बढ़कर 34,556.15 तक पहुंच गया। इसी के साथ आईटी इंडेक्स लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में बढ़त दर्ज कर रहा है। इन तीन ट्रेडिंग सेशन में अब तक इंडेक्स करीब 3 प्रतिशत यानी 900 अंकों से अधिक चढ़ चुका है।
एलटीआई माइंडट्री के शेयरों में लगभग 3 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। जबकि पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयरों में 2 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया। कोफोर्ज, टेक महिंद्रा और एमफैसिस के शेयरों में करीब 2 प्रतिशत की बढ़त रही। वहीं एचसीएल टेक के शेयर 1 प्रतिशत से अधिक चढ़े।
इससे पहले, आईटी कंपनियों के शेयरों की बड़ी गिरावट आई थी। यह गिरावट अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के में H-1B वीजा को लेकर किए गए ऐलानों के बाद देखने को मिली थी। इस बीच, अब कुछ ही दिनों में कमाई का सीजन शुरू होने वाला है। इसकी शुरुआत आईटी सेक्टर में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) करेगी। टीसीएस 9 अक्टूबर को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करेगी। टेक महिंद्रा और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स अपने नतीजे 14 अक्टूबर को घोषित करेंगे। जबकि इंफोसिस और एलटीआई माइंडट्री 16 अक्टूबर को अपनी तिमाही की रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश संबंधी सलाह ब्रोकरेज फर्म्स ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)