प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत को सेमीकंडक्टर (अद्र्धचालक) का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए तकनीकी उद्योग और अन्य हितधारकों से व्यावहारिक सुझाव आमंत्रित हैं। शुक्रवार को बेंगलूरु में सेमीकॉनइंडिया कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति शृंखला में एक प्रमुख साझेदार के रूप में स्थापित करने का एक सामूहिक लक्ष्य है। मोदी ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘उच्च प्रौद्योगिकी, उच्च गुणवत्ता और बेहतर विश्वसनीयता के सिद्धांतों के आधार पर हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं।’ मोदी ने कहा कि दुनिया में सेमीकंडक्टर कई तरीके से अहम भूमिका निभा रहे हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि नई दुनिया का व्यवस्था क्रम तैयार हो रहा है और देश को इस मौके को नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी को अपनाने और जोखिम लेने की भरपूर क्षमता है। मोदी ने कहा, ‘हमने आपके हित के लिए ही समर्थन वाला नीतिगत माहौल तैयार किया है।’ वह मंत्रियों, इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर उद्योग के नेताओं, निवेशकों, अकादमिक जगत के लोगों और कूटनीतिज्ञों को संबोधित कर रहे थे।
भारत के सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनने के कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश 1.3 अरब से अधिक भारतीयों को जोडऩे के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है और यह देश में सबको वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के लिए बैंकिंग तथा डिजिटल भुगतान की क्रांंति ही है। उन्होंने कहा कि यूपीआई आज भुगतान के लिए दुनिया का सबसे कुशल बुनियादी ढांचा है। उन्होंने कहा, ‘देश सबको समान रूप से सेवाएं देने और सशक्तिकरण करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े शासन के सभी क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बदलने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रहा है।’ प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि देश 21वीं सदी की जरूरतों के लिए युवा भारतीयों के कौशल और प्रशिक्षण में भारी निवेश कर रहा है।
प्रति व्यक्ति डेटा उपभोग के लिहाज से भारत सबसे बड़े देशों में से एक है और इसमें वृद्धि जारी रहेगी। मोदी ने कहा कि भारत के लिए अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने का रास्ता तैयार करने के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार है और अन्य चीजों के साथ ही 5जी में क्षमता तैयार करने में निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोडऩे की राह पर हैं। हम 5जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में क्षमता का विकास करने के लिए निवेश कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और अन्य तकनीकों के नवाचार की अगली लहर की शुरुआत करने पर काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत बेहतर आर्थिक वृद्धि की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप माहौल के साथ मजबूत आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है, जहां हर कुछ ह तों में नए यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर की हैसियत वाला स्टार्टअप) सामने आ रहा है। भारत में अर्ध-चालकों की खपत 2026 तक 80 अरब डॉलर और 2030 तक 110 अरब डॉलर पार किए जाने की उ मीद है।’
मोदी ने कहा कि देश ने भारत में सुगम व्यापार की स्थिति में सुधार के लिए कई व्यापक सुधार किए हैं क्योंकि पहले कई अनावश्यक शर्तें लगाई जाती थीं और व्यापार करना सुगम नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार ने 25,000 से अधिक गैरजरूरी शर्तों को समाप्त कर दिया है और लाइसेंसों के स्वत: नवीनीकरण की दिशा में जोर दिया है। साथ ही डिजिटलीकरण से भी नियामकीय ढांचे में गति और पारदर्शिता देखी जा रही है। मोदी ने कहा, ‘आज हमारे यहां दुनिया की सबसे अनुकूल कर संरचना है।’
मोदी ने कहा कि भारत 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए युवा भारतीयों के कौशल एवं प्रशिक्षण पर भारी निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक असाधारण सेमीकंडक्टर डिजाइन प्रतिभा पूल है जो दुनिया के सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर का 20 प्रतिशत है। देश में लगभग सभी शीर्ष 25 सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों का अपना शोध एवं विकास केंद्र है।’ प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को बदलने की दिशा में कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय में जब मानवता सदी में सबसे बड़ी महामारी से लड़ रही थी, भारत न केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा था बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था की सेहत में भी सुधार कर रहा था।’
