देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कर्मचारियों पर होने वाला खर्च अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है क्योंकि वेतन में खूब बढ़ोतरी की जा रही है और प्रतिभाशाली कर्मचारियों को रोकने की हरमुमकिन कोशिश की जा रही है। मगर ऐसा भारत में ही नहीं हो रहा है, दुनिया भर की आईटी कंपनियां भी तकनीकी प्रतिभाओं पर इतना कुछ लुटा रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्य अधिकारी सत्या नडेला ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में लिखा कि ‘माइक्रोसॉफ्ट वैश्विक प्रतिभा का बजट तकरीबन दोगुना कर रही है।’ गीकवायर की एक रिपोर्ट में बताया गया, ‘माइक्रोसॉफ्ट वेतन में प्रतिभा के आधार पर बढ़ोतरी के लिए निर्धारित वैश्विक बजट को दोगुना करने की सोच रही है और वरिष्ठ निदेशक के स्तर पर कर्मचारियों को शेयर के रूप में मिलने वाला वार्षिक पारिश्रमिक 25 फीसदी तक बढ़ा सकती है।’ कर्मचारियों को मिले ईमेल में लिखा है, ‘सबसे सार्थक बढ़ोतरी उन जगहों पर होगी, जहां बाजार की मांग है और करियर शुरू करने वाले कर्मचारियों से मझोले स्तर के कर्मचारियों के लिए होगी। हम लेवल 67 और उससे नीचे के स्तरों पर वार्षिक शेयर भी 25 फीसदी बढ़ाने जा रहे हैं।’ भारत में वरिष्ठ स्तर पर प्रतिभा की कमी दिख रही है, इसलिए इंजीनियरों का वेतन आसमान छू रहा है। खबरों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 27.7 फीसदी कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे के बाद इन्फोसिस औसतन 12-13 फीसदी की सालाना वेतन वृद्घि करने की योजना बना रही है और अधिक संभावना तथा प्रतिभा वाले कर्मचारियों का वेतन 22-23 फीसदी भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इन्फोसिस ने इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की मगर शीर्ष श्रेणी की कंपनियों में औसत वेतन वृद्घि सबसे ज्यादा रहेगी।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने जिन मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों से बात की, उनका कहना है कि कंपनियां लोगों को वेतन में कम बढ़ोतरी की बात कह सकती हैं मगर वास्तव में कर्मचरियों की तनख्वाह 20 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ रही हैं। टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, ‘जब कंपनियां औसत वेतन वृद्घि की बात करती हैं तो उनमें वेतन पर आने वाली लागत में कुल वृद्घि बताई जाती है मगर किसी भी कर्मचारी की वास्तविक वेतन वृद्घि उससे कम या ज्यादा हो सकती है। टीमलीज की हालिया जॉब्स रिपोर्ट में पता चला है कि कर्मचारी नौकरी में प्रीमियम या सुपर-स्पेशलाइज्ड भूमिका को तरजीह दे रहे हैं और इन श्रेणियों के लिए मांग भी बढ़ती जा रही है। इस श्रेणी में वृद्घि दर इस साल 11 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गई। स्टार्ट-अप, आईटी, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में इस बार 11 फीसदी से अधिक वेतन वृद्घि दिखेगी।’
चक्रवर्ती को लगता है कि उद्योग के सामने इस समय प्रतिभा का अकाल है और उसकी वजह स्टार्ट-अप अथवा अन्य क्षेत्रों से आ रही मांग ही नहीं है। तकनीकी क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है और कुछ खास तरह के कौशल की मांग 10 गुना तक बढ़ गई है।
एबीसी कंसल्टेंट्स के प्रबंध निदेशक शिव अग्रवाल को लगता है कि पिछले एक साल में इस उद्योग में जिस तरह की वेतन वृद्घि हुई है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने कहा, ‘आईटी सेवा क्षेत्र में वेतन वृद्घि दो अंकों में होगी। कंपनियां कह सकती हैं कि वे तनख्वाह में 12 से 14 फीसदी ही इजाफा कर रही हैं मगर लोगों को 50 से 100 फीसदी वेतन वृद्घि के भी ऑफर लेटर मिल रहे हैं। शायद इस क्षेत्र के लिए वेतन के ढांचे पर पुनर्विचार का समय आ गया है।’
एचआर विशेषज्ञों के मुताबिक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी मझोले स्तर पर दो अंको में वेतन बढ़ाया जा रहा है। एक एचआर अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘टीसीएस में पहले ही दो अंकों में वेतन बढ़ाया जा रहा है और कुछ मामलों में तो 25 फीसदी तक की वेतन वृद्घि हो रही है।’ कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1.10 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रोन्नति दी थी। लगभग सभी कंपनियां यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि विशेष कौशल वाली श्रेणियों में मझोले स्तर के कम से कम कर्मचारी नौकरी छोड़ें। एक एचआर विशेषज्ञ ने कहा, ‘टीसीएस ने टैलेंट पूल नाम की एक श्रेणी बनाई है, जिसमें नए जमाने की प्रौद्योगिकी के लिए काम करने वाले 10,000 से अधिक लोग शामिल हैं। इस श्रेणी के लिए वेतन औसत वेतन वृद्घि की तुलना में अधिक बढ़ाया जा रहा है।’
अगर टीसीएस ने अपने औसत वेतन वृद्घि की मात्रा बढ़ाई है तो एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने शुरुआती स्तर पर यानी फ्रेशर्स के लिए वेतन बढ़ा दिया है। उद्योग में फ्रेशर्स को आम तौर पर 3 से 3.6 लाख रुपये मिलते हैं मगर एचसीएलटेक 4.25 लाख रुपये दे रही है। कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक सी विजयकुमार ने हाल ही में कहा कि शीर्ष 500 लीडर्स की श्रेणी में पिछले कुछ सालों में नौकरी छोडऩे की दर 7 फीसदी से भी कम रही है। विप्रो ने घोषणा की है कि कनिष्ठ स्तर पर हर तिमाही प्रमोशन दिया जाएगा।
कॉग्निजैंट में पिछले कुछ समय में सबसे अधिक कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी है। कंपनी ने पहली तिमाही के अपने नतीजे जारी करते समय कहा कि वह अधिक फ्रेशर्स को लाएगी और कर्मचारियों के वेतन पर भी पुनर्विचार किया गया है। कंपनी के सीईओ ब्रायन हम्फ्रीज ने विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा, ‘हमने वेतन और प्रमोशन के लिए पिछले साल तय किए अपने बजट से बहुत ज्यादा रकम खर्च कर दी क्योंकि हम प्रतिभाओं में निवेश करना चाहते थे, नौकरी छोड़े जाने की दर घटाना चाहते थे और यह भी चाहते थे कि बाजार में मौजूद मौकों को लपक लिया जाए। मगर केवल वेतन बढ़ाना काफी नहीं है। हमने छुट्टियों की नीति बदली है, 401(के) नीति लाए हैं, शेयर खरीद मूल्य नीति लाए हैं। साथ ही हम अपने कर्मचारियों पर काफी रकम निवेश कर रहे हैं।’