घटती जमा पूंजी और पर्याप्त वित्तीय आधार न मिलने से परेशान भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद ने शनिवार को परिसर में बोर्ड सदस्यों की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में फीस सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को होने वाली बैठक में इस बात की ज्यादा गुंजाइश है कि आगामी सत्र से फीस बढ़ाने का निर्णय ले लिया जाए।
2001 में संस्थान के खाते में जहां 170 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा थी, वहीं वर्तमान में यह संस्थान 7-8 करोड़ रुपये के घाटे में है। यह तब की स्थिति है जब पिछले साल फीस में 200 फीसदी की वृद्धि की गई थी।
संस्थान ने सरकार से 54 करोड़ रुपये की सहायता मांगी थी, पर अब तक महज 2 करोड़ रुपये ही सरकार ने इसे दिए हैं। पिछले साल आईआईएम अहमदाबाद ने अपने मुख्य पाठयक्रम की फीस में 200 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। इसकी फीस 5.5 लाख से बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दी गई।
अत्यधिक फीस होने के चलते करीब 80 फीसदी छात्रों को फीस में छूट दी जाती है। संस्थान अपने संसाधनों से करीब 30 फीसदी की मदद देता है। मिलने वाली फीस छूट करीब 3.98 लाख रुपये प्रति सत्र की होती है। इसके अलावा, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति जैसे लाभ देने के लिए आईआईएम अहमदाबाद पर 2006 से अब तक करीब 7-8 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।