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विदेशी फिल्म कंपनियों को भी नहीं मंदी में राहत

Last Updated- December 11, 2022 | 2:30 AM IST

भारत में ज्यादा कमाई की ख्वाहिश के साथ कदम रखने वाली विदेशी फिल्म कंपनियों को भी यहां चुनौतियों से रूबरू होना पड़ रहा है।
सोनी पिक्चर्स के प्रबंध निदेशक के. सी. दारुवाला का कहना है, ‘विदेशी स्टूडियो के सामने कई चुनौतियां हैं। मसलन बॉलीवुड की बड़ी फिल्मों से टक्कर मिलने के साथ ही मार्केटिंग, डबिंग और फिल्म रिलीज की लागत भी बहुत ज्यादा है।
प्रिटिंग लागत से प्रति स्क्रीन 30-40 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। मल्टीप्लेक्स से पहले हॉलीवुड की फिल्मों को 50 फीसदी हिस्सा मिलता था जो अब 40 प्रतिशत रह गया है।’ विदेशी स्टूडियो की बॉलीवुड में हिस्सेदारी 4 फीसदी है। फिल्म कारोबार विशेषज्ञ तरण आदर्श का कहना है, ‘भविष्य में विदेशी स्टूडियो आने से बॉलीवुड में फंड की कमी नहीं होगी ।’
उम्मीदें कायम है
फॉक्स स्टार स्टूडियोज के सीईओ विजय सिंह का कहना है, ‘बॉलीवुड बड़ी इंडस्ट्री है और यहां चुनौतियों के बावजूद कम खर्च में बेहतर फिल्म बनाई जा सकती है।’ वॉनर्र ब्रदर्स के एक अधिकारी का कहना है कि वे दो-तीन नई फिल्में बाजार में ला रहे हैं।
महेश भट्ट का मानना है कि विदेशी स्टूडियो का भारतीय बाजार में दखल बढ़ेगा या नहीं,  यह अभी अनिश्चित है। फिलहाल विदेशी स्टूडियोज को बॉलीवुड के सहारे की जरूरत है।
सलमान खान के साथ बड़ी बजट की ‘वीर’ फिल्म बनाने वाले अनिल शर्मा का कहना है, ‘विदेशी स्टूडियो के आने से बॉलीवुड में निवेश ही बढ़ेगा और यह अच्छी बात है। व्यक्तिगत स्तर पर फिल्म निर्माताओं को जो कवायद करनी पड़ती थी, उससे छुटकारा मिलेगा।’
गठजोड़ का सिलसिला
विदेशी स्टूडियो बॉलीवुड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए गठजोड़ कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर तक बॉलीवुड में 700 करोड़ रुपये विदेशी स्टूडियो ने लगाए। तब से अब तक 1,100 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
वॉल्ट डिजनी, फॉक्स स्टार, सोनी, वॉनर्र ब्रदर्स और पारामाउंट जैसे विदेशी स्टूडियो भारतीय बाजार पर छाने की तैयारी में जुटे हैं। चर्चा ऐसी भी है कि डिजनी भी यशराज के साथ ‘रोडसाइड रोमियो’  के बाद दूसरी एनीमेशन फिल्म बनाने वाली है।
वार्नर ब्रदर्स ने निखिल आडवाणी, पीपुल ट्री और ज्योतिन गोयल की कं पनी के साथ गठजोड़ किया है। वहीं सोनी ने संजय लीला भंसाली के साथ तो डिजनी ने यूटीवी में हिस्सेदारी बढ़ाई है और शाहरुख, यशराज और कमल हसन के साथ गठजोड़ भी किया है।
पैरामाउंट की मातृकंपनी वायकॉम ने भी इंडियन फिल्म कंपनी (स्टूडियो 18) में हिस्सेदारी कायम की है जबकि फॉक्स स्टार स्टूडियो विपुल शाह के साथ दो फिल्में  बना रहा हैं। हालांकि मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल का कहना है कि इन विदेशी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का बाजार में ज्यादा हिस्सा नहीं है, इसी वजह से वे भारतीय बाजार के लिए भारतीय फिल्म बनाने की तैयारी में लगे हैं।
फिल्म निदेशक और अदाकार रजत कपूर का कहना है, ‘वे बॉलीवुड फिल्मों की स्टाइल में ही फिल्में बनाना चाहते हैं जो सही है।’ हालांकि वे इसके फायदे भी गिनाते हैं कि इससे मुल्क की बड़ी फिल्मों के साथ छोटी फिल्में भी विदेशी दर्शकों के लिए उपलब्ध होने लगेंगी।

First Published - April 24, 2009 | 8:32 AM IST

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