जहां पिछले वर्ष टेक्स्टाइल और फैशन संस्थानों को रुपये में आई तेजी से मुश्किलों का सामना करना पड़ा था वहीं इस बार आर्थिक मंदी का भूत इन संस्थानों का पीछा नहीं छोड़ रहा है।
ये संस्थान इस बार अपने प्लेसमेंट सत्र की अवधि को लंबा खींचने के लिए बाध्य हो रहे हैं। नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी और नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) जैसे संस्थान अपनी प्लेसमेंट प्रक्रिया को दो चरणों में लगभग 6 महीने तक बढ़ाने को बाध्य हुए हैं।
उदाहरण के लिए जहां 2008 में एनआईएफटी ने मार्च के आसपास एक ही चरण में अपने प्लेसमेंट को पूरा कर लिया था वहीं इस बार यह संस्थान इसे दो चरणों में पूरा कर रहा है। एनआईएफटी के प्रमुख (उद्योग) प्रबीर जैना ने कहा कि प्लेसमेंट का पहला चरण पूरा हो गया है और दूसरा चरण 15 जून तक संपन्न हो जाने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि संस्थान ने अपने सभी केंद्रों के लिए केंद्रीकृत प्लेसमेंट संचालित कर रहे हैं जिसमें कोई छात्र पूरे देश के संस्थान के किसी भी केंद्र के प्लेसमेंट में भाग ले सकता है। एनआईडी में दिसंबर और जनवरी के बीच प्लेसमेंट में 75 फीसदी छात्रों को शामिल किया जा चुका है। यह संस्थान इस बार हुंडई जैसी कई नई कंपनियों को अपने परिसर में आते देख रहा है। ये कंपनियां पहली बार इस संस्थान का दौरा कर रही हैं।
एनआईडी की सुजीता नायर कहती हैं, ‘हुंडई और होंडा जैसी कुछ कंपनियां अप्रैल में नया वित्त वर्ष शुरू होने के बाद छात्रों की भर्ती के लिए पुन: इस संस्थान का दौरा करेंगी। आईबीएम, नोकिया, जनरल मोटर्स और मारुति जैसी प्रमुख कंपनियों ने छात्रों का चयन किया है, लेकिन नौकरी की यह दर पिछले साल के मुकाबले धीमी है जब प्रत्येक कंपनी ने सात या आठ छात्रों को नौकरी के लिए चुना था। इस साल यह आंकड़ा प्रति कंपनी दो छात्रों का ही रहा है।
