जहां पूरे देश मे ज्यादातर शिक्षा संस्थान अपने यहां संकाय सदस्यों की कमी से परेशान हैं, वहीं कुछ संस्थानों ने इस परेशानी से निपटने के उपाय पहले ही तलाशने शुरू कर दिए हैं।
अहमदाबाद के नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) ने डिजाइन फैकल्टी सदस्यों के लिए बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए जल्द ही एक संकाय विकास केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
संस्थान ने वास्तुकला, इंजीनियरिंग जैसे विभागों के शिक्षकों को डिजाइन का प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की है। एनआईडी के निदेशक प्रद्युम्न व्यास ने कहा, ‘देश में सभी संस्थानों को शिक्षकों की आवश्यकता है। इस साल एनआईडी का मुख्य एजेंडा शिक्षकों की इस कमी को पूरा करने के लिए संकाय सदस्यों की संख्या को बढ़ाना है। हम एक ऐसे संकाय केंद्र का निर्माण कर रहे हैं जो न केवल हमारी जरूरत बल्कि पूरे देश में हो रही शिक्षकों की कमी को पूरा करेगा।’
व्यास के अनुसार यह केंद्र बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली से जुड़े एनआईडी के प्रयासों को बढ़ावा देगा। संस्थान का उद्देश्य प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान और कला के छात्रों को भी डिजाइन की शिक्षा मुहैया कराना है।
व्यास का कहना है, ‘सभी संकायों को एक साथ लाकर कुछ नया करने के लिए हम इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) और टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईआईएस) जैसे अन्य संस्थानों के साथ वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था पर बात कर रहे हैं। इससे विद्यार्थी समुदाय को भिन्न विषयों को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही हम डिजाइन को सभी विषयों का हिस्सा भी बनाना चाहते हैं।’
संस्थान ने अपने अहमदाबाद कैंपस में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी कर दिया है। फिलहाल एनआईडी में अतिथि सदस्यों के अलावा 60 संकाय सदस्य हैं। व्यास का कहना है कि हमें कुछ समय से विभाग में शिक्षकों की कमी महसूस रही थी जिसे दूर करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की शुरूआत की गई है। यह संकाय विकास केंद्र न केवल एनआईडी में शिक्षकों की कमी को पूरा करेगा बल्कि देश के अन्य संस्थानों को भी डिजाइन फैकल्टी सदस्य मुहैया करायेगा।
ठीक इसी तरह आईआईएम लखनऊ (आईआईएम-एल) भी इस साल नोएडा में नैशनल फैकल्टी ऑफ डेवलपमेंट सेंटर खोलने की योजना बना रहा है। इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य अन्य बिजनेस स्कूलों की मदद से विभाग को मजबूत करना होगा।
संस्थान के निदेशक देवी सिंह का कहना है कि उनकी योजना लखनऊ और नोएडा दोनों परिसरों में अपने मौजूदा कार्यक्रमों को सुदृढ़ बनाए जाने और बुनियादी ढांचा विकास के अलावा संस्थान के संकाय सदस्यों की तादाद में इजाफा कर फैकल्टी डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करना है।
