facebookmetapixel
Share Market Today: साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन कैसी रहेगी बाजार का चाल? GIFT निफ्टी सपाट; एशियाई बाजारों में गिरावटStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड में

5जी को साकार करेंगी देसी फर्में

Last Updated- December 15, 2022 | 5:13 AM IST

तीन दिग्गज देसी कंपनियों ने देश में ‘वर्चुअल’ 5जी दूरसंचार नेटवर्क तैयार करने का बीड़ा उठाया है। अनिल अग्रवाल की स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रैडिसिस और टेक महिंद्रा नई पीढ़ी के इस नेटवर्क के लिए सॉफ्टवेयर, विनिर्माण और सिस्टम एकीकरण की क्षमताएं तैयार कर रही हैं।
‘वर्चुअल’ नेटवर्क की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसमें हार्डवेयर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। हार्डवेयर के बजाय नया नेटवर्क सॉफ्टवेयर पर केंद्रित होगा। इससे ऑपरेटरों के पास वेंडरों के अधिक विकल्प होंगे और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं या ऑपरेटरों की लागत बहुत कम हो जाएगी क्योंकि वे जरूरत के मुताबिक बैंडविड्थ का इस्तेमाल करेंगे। इसका पहला उदारहण जापान में ई-कॉमर्स कंपनी राकुतेन द्वारा बनाया गया वर्चुअल नेटवर्क है।
सॉफ्टवेयर कंपनी मैवरनिर के मुताबिक नए ‘वर्चुअलाइज्ड नेटवक्र्स’ से पूंजीगत व्यय 40 फीसदी तक घट जाएगा और दूरसंचार ऑपरेटरों के परिचालन खर्च में भी 34 फीसदी कमी आएगी।
आसान शब्दों में समझें तो अभी दूरसंचार कंपनियों के पास नेटवर्क खरीदने के लिए हुआवे, जेडटीई, एरिक्सन और नोकिया जैसे गिने-चुने विकल्प हैं और उन्हें समूचा हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर नेटवर्क इन कंपनियों से खरीदना पड़ता है। यह अलग बात है कि ये कंपनियां नेटवर्क का रखरखाव करती हैं और उन्होंने शोध एवं विकास में बड़ी रकम खर्च की है।
मगर इस वक्त डेटा का इस्तेमाल और उसकी वजह से निवेश बढऩे के बावजूद प्रति उपभोक्ता औसत आय (एआरपीयू) ज्यादा नहीं बढ़ रही है। इस कारण दूरसंचार कंपनियां पूंजी निवेश घटाने के तरीके तलाश रही हैं। वे ऐसा नेटवर्क भी तलाश रही हैं, जिसका जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा इस्तेमाल किया जा सके। जो ढांचा तैयार हो रहा है, उसमें ऑपरेटरों के पास हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अलग-अलग कंपनियों से खरीदने का विकल्प होगा और वे चाहें तो बाद में खुद ही उन्हें बना भी सकते हैं। ऑपरेटर ऐसी आईटी कंपनियों से करार भी कर सकती हैं, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को मिलाकर उनका नेटवर्क चलाएंगी।
उदारहण के लिए स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज वैश्विक बाजार के लिए 4जी और 5जी रेडियो बनाने की योजना पर काम कर रही है। समूह के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. बदरी गोमातम कहते हैं, ‘हम भारत में ही 4जी और 5जी रेडियो तैयार करने में जुटे हैं और हम सिस्टम एकीकरण की सेवा भी देंगे।’ अमेरिका की कंपनी रैडिसिस ने क्वालकॉम से करार किया है, जिसके तहत वह क्वॉलकाम के 5जी नेटवर्क को अपने नए रेडियो सॉफ्टवेयर से जोड़ेगी। रिलायंस जियो ने भी सरकार ने अपनी तकनीक पर आधारित 5जी नेटवर्क के परीक्षण की इजाजत मांगी है। इस बारे में रिलायंस को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।
बीएसएनएल 4जी नेटवर्क के लिए बोली लगाकर मोबाइल नेटवर्क के मैदान में उतरने की मंशा जाहिर कर चुकी टेक महिंद्रा भी सरकार से 5जी नेटवर्क के लिए चर्चा कर चुकी है। कंपनी ने अमेरिका की आल्टियोस्टार में निवेश कर रखा है। यह अमेरिकी कंपनी इंटेल के साथ मिलकर स्थाीय 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क सॉफ्टवेयर बना चुकी है।

First Published - July 6, 2020 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट